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महाराष्ट्र सरकार ने गाय को राज्यमाता घोषित किया

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

मुंबई:महाराष्ट्र सरकार ने आज एक ऐतिहासिक आदेश जारी करते हुए गाय को राज्यमाता घोषित किया है। यह निर्णय भारतीय संस्कृति और वैदिक काल से गाय के महत्व को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सरकार का मानना है कि गाय का दूध मानव आहार के लिए अत्यंत उपयुक्त है और इसके विभिन्न उत्पादों का आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों में विशेष स्थान है।

गाय का महत्व

 

भारत में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है, और हिंदू धर्म में उसकी पूजा का विधान है। गाय के दूध, मूत्र और गोबर को पवित्र माना जाता है, और इनका उपयोग विभिन्न धार्मिक एवं औषधीय कार्यों में किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, बच्चों को गाय का दूध पिलाने से उनका विकास बेहतर होता है, और यह उन्हें शांत प्रवृत्ति का बनाता है। हिंदू धर्म में यह मान्यता भी है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का निवास होता है।

सामाजिक संदर्भ

 

गाय को राज्यमाता का दर्जा देने की बात ऐसे समय में आई है जब गोकशी और गोतस्करी के मामलों में वृद्धि हो रही है। राज्य सरकारें इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही हैं, लेकिन अभी तक इन मामलों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में गोकशी के दो मामले सामने आए हैं, जिसके चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

निष्कर्ष

 

गाय को राज्यमाता घोषित करने का यह निर्णय न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में गाय के प्रति सम्मान और सुरक्षा की भावना को भी प्रोत्साहित करता है। यह कदम उन आंदोलनों की ओर भी इशारा करता है जो लंबे समय से गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग कर रहे थे।

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