टाटा पावर और राजस्थान सरकार के बीच 1.2 लाख करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन
न्यूज़ लहर संवाददाता
**राजस्थान:टाटा पावर ने राजस्थान राज्य सरकार के साथ बिजली वितरण, पारेषण और नवीकरणीय ऊर्जा में लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये की 10 वर्षीय योजना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस महत्वाकांक्षी योजना का मुख्य उद्देश्य राजस्थान को **बिजली अधिशेष राज्य** में बदलना है।
योजना के प्रमुख उद्देश्य
यह योजना **24/7 स्वच्छ, सस्ती और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति** प्रदान करने के साथ-साथ अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं, विनिर्माण, पारेषण, वितरण, परमाणु ऊर्जा, रूफटॉप इंस्टॉलेशन और ईवी चार्जिंग में निवेश को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यह एमओयू राजस्थान को भारत के स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के केंद्र में रखेगा और देश के ऊर्जा लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
निवेश का विवरण
टाटा पावर ने इस समझौते में बिजली मूल्य श्रृंखला में व्यापक निवेश की योजना बनाई है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
– **लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये का कुल निवेश**, जिसमें से लगभग **75,000 करोड़ रुपये** अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए समर्पित हैं।
– **बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर** में 10,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता विकसित की जाएगी, जिसमें **6,000 मेगावाट सौर** और **4,000 मेगावाट हाइब्रिड** शामिल हैं।
– **जोधपुर** में 2,000 करोड़ रुपये के निवेश से उन्नत **2,000 मेगावाट सौर मॉड्यूल विनिर्माण सुविधा** स्थापित की जाएगी।
– राज्य के पारेषण और वितरण क्षेत्र में **लगभग 20,000 करोड़ रुपये** का निवेश ग्रिड बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और ऊर्जा के नुकसान को कम करने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, **10,000 करोड़ रुपये** का निवेश ट्रांसमिशन सिस्टम में किया जाएगा।
– **राजस्थान में 1 लाख ईवी चार्जिंग पॉइंट्स** स्थापित करने के लिए **1,000 करोड़ रुपये** का निवेश प्रस्तावित है।
– पीएम सूर्य घर योजना का समर्थन करते हुए **10 लाख घरों के लिए रूफटॉप सौर ऊर्जा** स्थापित की जाएगी।
सामाजिक-आर्थिक प्रभाव
इस एमओयू का एक परिवर्तनकारी सामाजिक-आर्थिक प्रभाव होगा, जिससे **28,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार** उत्पन्न होंगे। यह योजना न केवल राजस्थान की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगी।
टाटा पावर का यह कदम न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।