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बाबा नाम केवलम” कीर्तन के दौरान 100 साड़ी और 200 फलदार पौधों का वितरण

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड।जमशेदपुर के गदरा क्षेत्र में “बाबा नाम केवलम” कीर्तन का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया, जिसमें आध्यात्मिक वातावरण में 100 साड़ी और 200 फलदार पौधों का वितरण किया गया। यह आयोजन पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक उत्थान के उद्देश्य से किया गया, जहां ग्रामीणों के बीच घूम-घूमकर फलदार पौधे वितरित किए गए, जिससे लोगों में जागरूकता और हरियाली को बढ़ावा मिले।

कार्यक्रम के अंत में आचार्य सत्याश्रयानन्द अवधूत ने अपने प्रेरक आध्यात्मिक उद्बोधन में कहा कि कीर्तन ईश्वर की प्राप्ति का सबसे सरल और सुलभ मार्ग है। उन्होंने समझाया कि कीर्तन भक्ति और ध्यान का एक अद्वितीय साधन है, जिससे व्यक्ति न केवल ईश्वर के साथ गहरा संबंध स्थापित कर सकता है बल्कि मानसिक शांति और स्थिरता का अनुभव भी कर सकता है।

आचार्य ने बताया कि कीर्तन की शक्ति से व्यक्ति ध्यान, समर्पण और आनंद की अनुभूति करता है।

यह साधना हमें मानसिक संयम, इंद्रियों के विषयों से वैराग्य और आत्मिक स्वतंत्रता प्रदान करती है, जो हमारे जीवन को समृद्ध और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती है।

उपस्थित आदर्शवादियों को यह संदेश दिया गया कि कीर्तन न केवल भावनात्मक अशांति, तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाता है, बल्कि यह हमें अपने आंतरिक शक्ति को जागृत करने और जीवन में सफलता और समृद्धि की ओर अग्रसर होने का मार्ग भी दिखाता है। यह अभ्यास हमें समाज के बंधनों से मुक्त कर प्रेम, सहानुभूति और सेवा की भावना से प्रेरित करता है।

समारोह के दौरान, आचार्य ने यह भी बताया कि कीर्तन हमें आत्मिक और मानसिक शांति की दिशा में ले जाता है, जहां हम ईश्वरीय प्रेम और आनंद का अनुभव कर सकते हैं। इसके साथ ही, इस अभ्यास के माध्यम से हम संपूर्ण जगत के साथ सामरस्य और एकता का अनुभव करते हैं, जो हमें ईश्वर के साथ गहरे संबंध स्थापित करने में सहायता करता है।

इस अवसर पर कीर्तन के महात्म्य को समझाते हुए आचार्य सत्याश्रयानन्द ने कहा कि कीर्तन के माध्यम से हम अपने जीवन में सच्चे सुख, शांति और आनंद की प्राप्ति कर सकते हैं और अपने जीवन को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बना सकते हैं।

 

इस आयोजन ने न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय योगदान भी दिया, जहां पौधारोपण और साड़ी वितरण के माध्यम से सामुदायिक सेवा का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया गया।

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