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जमशेदपुर में आंगनबाड़ी सेविकाओं की अनिश्चितकालीन हड़ताल

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड।जमशेदपुर में झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले राज्यभर की सेविकाएं और सहायिकाएं शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गईं। इस हड़ताल के कारण सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद हो गए हैं, जिससे बच्चों और उनके परिवारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

**प्रदर्शन और मांगें**

पूर्वी सिंहभूम जिला संगठन से जुड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं ने प्रदेश अध्यक्ष माला देवी के नेतृत्व में उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की। माला देवी ने कहा कि राज्यभर की सेविकाओं और सहायिकाओं की मांगों से सरकार को पहले ही अवगत करा दिया गया था, लेकिन सरकार ने विचार का आश्वासन देने के बाद मुकर गई।

**मुख्य मांगें**

सेविकाएं और सहायिकाएं निम्नलिखित प्रमुख मांगें कर रही हैं:

 

1. **राज्यकर्मी का दर्जा**: सभी सेविकाओं और सहायिकाओं को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए।

2. **वेतनमान**: उचित वेतनमान की स्वीकृति।

3. **सेवानिवृत्ति लाभ**: सेवानिवृत्त होने वाली सेविकाओं को 10 लाख रुपये और सहायिकाओं को 5 लाख रुपये का एकमुश्त भुगतान।

4. **पेंशन**: अंतिम मानदेय का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में भुगतान।

माला देवी ने बताया कि कई सेविकाएं और सहायिकाएं बिना लाभ के सेवानिवृत्त हो गई हैं, इसलिए उनकी मांगें अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

 

**आंदोलन जारी रहेगा**

उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। यह आंदोलन न केवल सेविकाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए है, बल्कि बच्चों के विकास और कल्याण के लिए भी आवश्यक है।

इस प्रकार, झारखंड की आंगनबाड़ी सेविकाओं का यह आंदोलन एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा बनता जा रहा है, जो सरकार की नीतियों और प्राथमिकताओं पर गंभीर प्रश्न उठाता है।

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