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तेलुगु समुदाय कल्याण संघ (TCWA) द्वारा दशहरा के उपलक्ष में पारंपरिक बोम्माला कोलुवु प्रतियोगिता का आयोजन

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:जमशेदपुर में तेलुगु समुदाय कल्याण संघ (तेलुगु कम्युनिटी वेलफेयर एसोसिएशन), जो पी एस न मूर्ति द्वारा स्थापित एक प्रतिष्ठित संगठन है, भारत और विदेशों में तेलुगु समुदाय की सेवा करने के लिए समर्पित है। इस संगठन का उद्देश्य तेलुगु लोगों की समृद्ध परंपराओं, संस्कृति, भाषा और साहित्य को बनाए रखना और बढ़ावा देना है।

प्रतियोगिता का उद्देश्य

 

इस प्रयास के तहत, TCWA-झारखंड इकाई ने, रमना अचारी (अध्यक्ष, झारखंड इकाई, TCWA) के मार्गदर्शन में, समुदाय की एक प्रिय परंपरा—बोम्माला कोलुवु—प्रतियोगिता का आयोजन किया है। यह प्रतियोगिता जमशेदपुर के तेलुगु समाज के लिए दूसरे वर्ष आयोजित की जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य तेलुगु परंपराओं को बढ़ावा देना और विशेष रूप से युवा पीढ़ी को इस प्राचीन परंपरा के महत्व के बारे में जागरूक करना है।

बोम्माला कोलुवु की विशेषताएँ

 

बोम्माला कोलुवु गुड़ियों की एक पारंपरिक और कलात्मक प्रदर्शनी है, जिसे आमतौर पर हिंदू घरों और मंदिरों में महिलाएं सजाती हैं। यह मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों में लड़कियों और महिलाओं—अविवाहित और विवाहित दोनों—द्वारा दशहरा/नवरात्रि के त्योहार के दौरान किया जाता है।

गुड़ियों को आमतौर पर विषम संख्या में लकड़ी के रैक या सीढ़ियों पर सजाया जाता है, जिनकी संख्या 3, 5, 7 से लेकर अधिकतम 9 तक होती है, जो नवरात्रि के नौ दिव्य दिनों का प्रतीक होती है।

 

प्रतियोगिता का आयोजन

 

इस वर्ष, नवरात्रि का उत्सव 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर 2024 तक मनाया जाएगा। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए TCWA-झारखंड ने बोम्माला कोलुवु प्रतियोगिता आयोजित करने की पहल की है। जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे बिष्टुपुर, कदमा, सोनारी, मानगो और बारीडीह से प्रतिभागी अपनी कलात्मक गुड़ियों की प्रदर्शनी प्रस्तुत करेंगे।

विजेताओं की घोषणा दुर्गा पूजा के बाद की जाएगी। आज षष्ठी के दिन से TCWA की टीम द्वारा मूल्यांकन प्रक्रिया आरंभ की गई है। मूल्यांकन प्रक्रिया की शुरुआत आंध्र महिला समिति कदमा द्वारा आयोजित बोम्माला कोलुवु से हुई।

 

कार्यक्रम में उपस्थित सदस्य

 

इस कार्यक्रम में TCWA के बी. श्रीनिवास (कार्यकारी अध्यक्ष), जी. विजय लक्ष्मी (महिला विंग अध्यक्ष), जी. गोपाल कृष्ण (राज्य समन्वयक) और वाई. रमा उपस्थित रहे।

 

राज्य समन्वयक जी. गोपाल कृष्ण ने कहा कि यह पहल तेलुगु धरोहर को संरक्षित करने और झारखंड में विशेष रूप से युवाओं के बीच तेलुगु संस्कृति, परंपरा एवं भाषा के साथ-साथ सामुदायिक एकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

निष्कर्ष

 

तेलुगु समुदाय कल्याण संघ द्वारा आयोजित यह प्रतियोगिता न केवल सांस्कृतिक संरक्षण का प्रतीक है बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का भी एक प्रयास है। TCWA का यह कदम निश्चित रूप से तेलुगु समुदाय में एकता और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाने में सहायक होगा।

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