जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में निजी अस्पतालों का पेनडाउन, सरकार की उदासीनता पर उठे सवाल
न्यूज़ लहर संवाददाता
पश्चिम बंगाल: जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन सोमवार को 10वें दिन भी जारी है। यह आंदोलन कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुई एक घटना के बाद शुरू हुआ था, जिसमें कई डॉक्टरों की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर हो गई। जानकारी के अनुसार, तीन जूनियर डॉक्टरों को ICU में भर्ती कराया गया है।
स्वास्थ्य संकट की स्थिति
हाल ही में, एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलस्थ आचार्य को पेट में तेज दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया। एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि उनकी हालत बिगड़ गई है और उनके इलाज के लिए एक चिकित्सा बोर्ड का गठन किया गया है। इससे पहले भी, अनशन कर रहे तीन डॉक्टरों को उनकी बिगड़ती तबीयत के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सरकारी प्रतिक्रिया और समारोहों की प्राथमिकता
मुख्य सचिव मनोज पंत ने ज्वाइन्ट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स (JPD) को पत्र लिखकर 15 अक्टूबर को प्रस्तावित प्रदर्शन वापस लेने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि उसी दिन राज्य सरकार का ‘दुर्गा पूजो कार्निवल’ आयोजित होना है। JPD ने इस पर गहरी निराशा व्यक्त की है, यह कहते हुए कि जब चिकित्सक और नागरिक न्याय तथा सुरक्षित स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की मांग कर रहे हैं, तब सरकार समारोहों को तरजीह दे रही है।
निजी अस्पतालों का पेनडाउन
जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में कई निजी अस्पताल जैसे सीके बिड़ला, वुडलैंड और कोठारी ने अपनी सेवाओं में कटौती की है। Medica सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने बुधवार तक आपातकालीन सेवाएं बंद कर दी हैं, जबकि अपोलो, मणिपाल और RN टैगोर अस्पताल के डॉक्टर भी आंशिक हड़ताल पर हैं।
स्वास्थ्य भवन में बैठक
इस बीच, मुख्य सचिव ने JPD को उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए सोमवार दोपहर स्वास्थ्य भवन में बैठक के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने JPD से अनुरोध किया कि वे कनिष्ठ चिकित्सकों को उनके स्वास्थ्य और हित में आमरण अनशन खत्म करने की सलाह दें।
यह आंदोलन जूनियर डॉक्टरों की सुरक्षा और न्याय की मांग करता है, जिसमें उन्होंने सरकार की उदासीनता के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है।