आंगनबाड़ी सेविकाओं की 8 सूत्रीय मांगों को लेकर नौ दिनों से जारी धरना चाईबासा में आक्रोश, सरकार से शीघ्र कार्रवाई की मांग
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिमी सिंहभूम में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ द्वारा अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले नौ दिनों से चाईबासा के पुराने डीसी ऑफिस के पास धरना प्रदर्शन जारी है। सेविकाएं और सहायिकाएं अपनी मांगों को लेकर दृढ़ संकल्पित हैं और सरकार की अनदेखी के प्रति गहरा आक्रोश व्यक्त कर रही हैं। संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
संघ की 8 प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
1. सेवा शर्त नियमावली में संशोधन:
संघ ने विभाग द्वारा 30 सितंबर 2022 को जारी अधिसूचना संख्यांक 2238 और 2239 में आंशिक संशोधन की मांग की है। उनका कहना है कि पूर्व में दिए गए आवेदनों पर तुरंत विचार किया जाए।
2. वेतनमान और मानदेय की समानता:
सेविकाएं और सहायिकाएं सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षकों) के समान वेतनमान, मानदेय और सुविधाओं की मांग कर रही हैं। वे यह भी चाहती हैं कि वार्षिक मानदेय वृद्धि में आ रही जटिलताओं को समाप्त किया जाए।
3. मानदेय का समय पर भुगतान:
संघ का कहना है कि केंद्र और राज्यांश की राशि का समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए और इसके लिए चक्रिय कोष की व्यवस्था की जाए ताकि सेविकाओं और सहायिकाओं को वित्तीय समस्याओं का सामना न करना पड़े।
4. सेवा निवृत्ति के बाद लाभ:
सेविकाएं मांग कर रही हैं कि सेवा निवृत्ति के बाद सेविका को 10 लाख और सहायिका को 5 लाख रुपये का एकमुश्त भुगतान किया जाए। साथ ही, अंतिम मानदेय का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाए।
5. प्रोन्नति की मांग:
महिला पर्यवेक्षिका के पद पर बहाली के लिए आयु सीमा और शैक्षिक योग्यता में छूट की मांग की गई है, साथ ही 100 प्रतिशत वरीयता और कार्यानुभव के आधार पर आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रोन्नति देने की अपील की गई है।
6. मानदेय विसंगति और भत्ता:
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, संघ ने सभी संविदा कर्मियों की तरह आंगनबाड़ी कर्मियों को भी महंगाई और यात्रा भत्ता देने की मांग की है। साथ ही, इन्हें नियमित कर पूर्ण सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिए जाने की मांग उठाई गई है।
7. आधुनिक उपकरण की आपूर्ति:
संघ ने विभागीय कार्यों के लिए ब्रांडेड कंपनी के एंड्रॉयड मोबाइल टैब और रिचार्ज की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि सेविकाएं कार्य को प्रभावी ढंग से कर सकें।
8. पोषाहार की आपूर्ति:
आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार की राशि बाजार दर के अनुसार उपलब्ध कराने या विभाग द्वारा पोषाहार की आपूर्ति कराने की मांग की गई है, जिससे बच्चों को उचित पोषण मिल सके।
संघ का कहना है कि सरकार की ओर से उनकी मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे सेविकाओं और सहायिकाओं में गहरा असंतोष है। उनका स्पष्ट संदेश है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, यह अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी।
धरने पर बैठी सेविकाओं का कहना है कि वे अपने हक के लिए संघर्ष कर रही हैं और इसके लिए वे अंतिम सीमा तक जाने को तैयार हैं। उन्होंने सरकार से अपील की है कि उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाए और शीघ्र समाधान किया जाए ताकि वे अपनी सेवाओं को समाज के प्रति निरंतर जारी रख सकें।