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आचार संहिता लागू होने के 24 घंटे के अंदर सरकारी संपत्ति से विरूपण हटाने के निर्देश, 72 घंटे में निजी संपत्ति से सभी राजनीतिक विज्ञापन हटाए जाएंगे

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड।चाईबासा में झारखंड विधानसभा आम चुनाव 2024 की घोषणा के बाद जिला क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसके पालन को सुनिश्चित करने के लिए जिला समाहरणालय स्थित सभागार में जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-उपायुक्त कुलदीप चौधरी की अध्यक्षता में स्टैंडिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई।

इस बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आदर्श आचार संहिता के नियमों और अनुपालन की जानकारी दी गई, ताकि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और स्वच्छ रूप से संपन्न हो सके।

बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों को साझा किया, जिसमें सरकारी और सार्वजनिक संपत्ति से अनाधिकृत राजनीतिक विज्ञापनों को हटाने की समय-सीमा तय की गई है। निर्देशों के अनुसार:

1. 24 घंटे में सरकारी संपत्ति पर किए गए सभी विरूपण को हटाना अनिवार्य है।

 

 

2. 48 घंटे में सार्वजनिक स्थानों पर लगे सभी अनधिकृत राजनीतिक विज्ञापन हटाए जाने चाहिए।

 

 

3. 72 घंटे में निजी संपत्ति पर लगाए गए पार्टी झंडे, फ्लैक्स, बैनर, होर्डिंग्स और दीवार लेखन को हटाना आवश्यक है।

 

 

 

बैठक के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बताया गया कि किसी भी आयोजन के लिए ऑनलाइन सुविधा पोर्टल या ऐप के माध्यम से अनुमति प्राप्त की जा सकती है। यह भी निर्देश दिए गए कि गृह स्वामी की अनुमति प्राप्त स्थान पर ही पार्टी झंडा, बैनर आदि लगाए जा सकते हैं, और उम्मीदवार के नाम वापसी की तिथि के बाद ही समर्थकों के आवास पर झंडे लगाए जा सकते हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं के आवास पर केवल तीन झंडे लगाने की अनुमति होगी, और चुनाव अभियान के दौरान वाहन पर झंडा लगाने के लिए सक्षम प्राधिकरण से अनुमति लेना अनिवार्य है।

राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग करने के संबंध में, यह बताया गया कि ध्वज संहिता का पालन करना आवश्यक है, साथ ही प्रतीक और नाम अधिनियम, 1950 तथा राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के प्रावधानों का भी पूर्ण रूप से पालन करना होगा।

 

बैठक में प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिनमें कांग्रेस से त्रिशानु राय, झामुमो से इकबाल अहमद, भाजपा से रंजन प्रसाद, और बसपा से जेम्स हेम्ब्रम शामिल थे। इन सभी को चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने और आदर्श आचार संहिता का पालन करने के लिए कहा गया।

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