जम्मू-कश्मीर विधानसभा में धारा 370 को लेकर विधायकों में मारपीट
न्यूज़ लहर संवाददाता
श्रीनगर:जम्मू-कश्मीर विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को धारा 370 की बहाली को लेकर सत्ता पक्ष और भाजपा विधायकों के बीच हिंसक झड़प हुई। यह घटना उस समय हुई जब अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) के विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने विधानसभा में अनुच्छेद 370 की बहाली का बैनर लहराया, जिसे भाजपा विधायकों ने विरोध किया।
घटनाक्रम
सत्र के चौथे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही खुर्शीद अहमद शेख ने कैदियों की रिहाई और अनुच्छेद 370 की बहाली का पोस्टर लेकर सदन में प्रवेश किया। इस पर भाजपा विधायकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी और दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।
भाजपा विधायकों ने खुर्शीद अहमद शेख को रोकने का प्रयास किया, जिसके बाद स्थिति हाथापाई में बदल गई। इस दौरान भाजपा के तीन विधायक घायल हुए, जिनमें से एक को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
स्पीकर का हस्तक्षेप
स्पीकर ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सदन की कार्यवाही को 20 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। जब कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो भाजपा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों के बीच फिर से हाथापाई हुई। स्पीकर ने विधायकों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा, “यह कोई मछली बाजार नहीं है।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक नजीर अहमद कुरैशी ने कहा कि भाजपा केवल ड्रामा कर रही है और वास्तव में वे भी अनुच्छेद 370 की बहाली चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना राज्य की राजनीतिक स्थिति को दर्शाती है और यह चिंताजनक है।
आगे की कार्रवाई
घटनाक्रम के बाद स्पीकर ने सदन को फिर से स्थगित कर दिया। अब विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को शुरू होगी। इस प्रकार की हिंसक घटनाएँ जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक तनाव को बढ़ाती हैं, खासकर जब बात अनुच्छेद 370 की बहाली की होती है, जो कि पिछले कुछ वर्षों से एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है।
निष्कर्ष
इस घटना ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में राजनीतिक अस्थिरता और तनाव को उजागर किया है। विधायकों के बीच इस तरह की हिंसा न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करती है, बल्कि जनता के बीच भी गलत संदेश भेजती है। आगे देखना होगा कि इस मुद्दे पर राजनीतिक दल किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं और क्या कोई ठोस समाधान निकलता है।