झारखंड राज्य स्थापना दिवस: 15 नवंबर, नहीं हुए सरकारी कार्यक्रम, जाने क्यों!!
न्यूज़ लहर संवाददाता
रांची:झारखंड राज्य स्थापना दिवस हर साल **15 नवंबर** को मनाया जाता है। यह दिन झारखंड के गठन की वर्षगांठ के रूप में महत्वपूर्ण है, जब **2000** में इसे बिहार से अलग कर भारत के **28वें राज्य** के रूप में स्थापित किया गया। इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह **भगवान बिरसा मुंडा** की जयंती के साथ मेल खाता है, जो एक प्रमुख आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे। वहीं चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू होने से राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों और सरकारी कार्यक्रम का आयोजन नहीं हुए।
झारखंड का इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर
झारखंड का नाम “झार” (वन) और “खण्ड” (क्षेत्र) से मिलकर बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ “वन का क्षेत्र” होता है। यह क्षेत्र घने जंगलों और विविध वनस्पतियों से भरा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से, झारखंड का क्षेत्र उड़ीसा के राजा **जयसिंह देव** द्वारा तेरहवीं शताब्दी में शासित किया गया था। यहाँ आदिवासी संस्कृति की समृद्ध परंपराएँ हैं, जो इसे एक अद्वितीय पहचान देती हैं।
प्राकृतिक संसाधन और भूगोल
झारखंड भारत के उत्तरपूर्वी भाग में स्थित है और इसे ‘जंगल ऑफ फॉरेस्ट’ या ‘बुशलैंड’ भी कहा जाता है। यह क्षेत्र खनिज संसाधनों से समृद्ध है, जिसमें कोयला, लौह अयस्क, तांबा, यूरेनियम, अभ्रक, बॉक्साइट, ग्रेनाइट, चूना पत्थर, चांदी और डोलोमाइट शामिल हैं। झारखंड में **24 जिले** हैं और इसका कुल क्षेत्रफल लगभग **79,716 वर्ग किमी** है, जो इसे भारत का 15वां सबसे बड़ा राज्य बनाता है।
पर्यटन स्थल
झारखंड के पर्यटन स्थल आकर्षण का केंद्र हैं। यहाँ के अद्भुत झरने, पहाड़ियाँ, वन्यजीव अभयारण्य और पवित्र स्थल जैसे **बैद्यनाथ धाम**, **पारसनाथ**, और **रजरप्पा** पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। दामोदर नदी पर स्थित **पंचेत बांध** भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
राजनीतिक इतिहास
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, झारखंड की स्थापना के लिए कई आंदोलन हुए। इनमें से एक प्रमुख आंदोलन **झारखंड मुक्ति मोर्चा** द्वारा चलाया गया था। 1995 में ‘झारखण्ड क्षेत्र परिषद’ की स्थापना हुई, जिसके बाद 15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य का गठन हुआ। बाबूलाल मरांडी इस राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने और उन्होंने 2006 में भारतीय जनता पार्टी छोड़कर ‘झारखंड विकास मोर्चा’ की स्थापना की।
निष्कर्ष
झारखंड राज्य स्थापना दिवस न केवल राज्य की ऐतिहासिक यात्रा का प्रतीक है, बल्कि यह आदिवासी संस्कृति और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और विकास की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देना है।