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श्री गुरुनानक देव जी का 555 वाँ प्रकाश परब श्रद्धापूर्वक एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:गुरुद्वारा नानक दरबार चाईबासा में श्री गुरुनानक देव जी का 555 वाँ प्रकाश परब श्रद्धापूर्वक एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

प्रकाश परब की शुरुआत नौ नवम्बर शनिवार को प्रभात फेरी आरंभ से हुई।

श्री गुरुनानक देव जी का प्रकाश परब मनाने के लिए गुरुद्वारा नानक दरबार में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का श़्री अखंड पाठ तेरह नवम्बर बुधवार को ग्यारह बजे आरंभ हुआ एवं इसकी संपूर्णता शुक्रवार पंद्रह नवम्बर को ग्यारह बजे हुई।

श्री गुरु सिंह सभा चाईबासा के अध्यक्ष गुरमुख सिंह खोखर ने समुह साध संगत को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश परब की लख लख बधाईयाँ दीं। उन्होंनें अपने संबोधन में कहा कि श्री गुरु नानक देव जी का जीवन मानवता का प्रकाश है और उनका दिव्य ज्ञान ईश्वर की ओर जाने वाले मार्ग को प्रशस्त करता है। उनकी कृपा सभी प्राणियों पर बिना किसी भेदभाव के बरसती है।

” नानक नाम चड़दी कला

तेरे भाने सरवत दा भला ”

पुरे विश्व में सिख जहाँ भी मौजूद हैं एवं बस गए हैं वहाँ वे सिख परिवार गुरुद्वारे की स्थापना करके श्री गुरुनानक देव जी का मुल मंत्र ” कीरत करो, नाम जपो, वंड छको ” का पालन एवं प्रचार प्रसार करते हैं।

 

श्री गुरुनानक देव जी ने दो दशक से ज्यादा समय इस मुल मंत्र के सार का प्रसार करते हुए असम, बंगाल, उडीसा, बनारस, रामेश्वरम, गुजरात, श्रीलंका, अफगानिस्तान, ईरान, ईराक, सऊदी अरब तक जहाँ भी गए प्रेम एवं आपसी भाईचारे का संदेश दिया।

श्री अखंड पाठ की संपूर्णता के उपरांत निशांत साहिब को पानी एवं स्नान करके नया चोला पहनाया गया तथा अरदास की गई।

उसके उपरांत बच्चों द्वारा कविता पाठ किया गया।

जमशेदपुर से आए हरी शरन सिंह जी, अमृत कौर एवं ओंकार सिंह द्वारा मधुर आवाज तथा साज के साथ कीर्तन से काफी देर तक समुह साध संगत का ध्यान वाहेगुरु जी से जोड़े रखा। उपस्थित सभी का मन मोह लिया।

ग्रंथी बलदेव सिंह जी ने समुह साध संगत की एवं समस्त झारखंड वासियों की सुख शांति, अमन चैन एवं चड़दी कला के लिए वाहेगुरु जी की अरदास की। वाहेगुरु जी का शुकराना भी किया कि उनकी कृपा से झारखंड विधान सभा का चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से हुआ।

इसके उपरांत प्रसाद वरताया गया। उसके बाद संगत ने पंगत में बैठकर लंगर का आनंrद लिया।

प्रकाश परब के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में युवा खालसा, स्त्री सत्संग सभा तथा श्री गुरु सिंह सभा के सभी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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