दिल्ली में GRAP-IV के नियम लागू: प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए नई पाबंदियां
न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली:दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के ‘गंभीर प्लस’ स्तर पर पहुँचने के बाद, 18 नवंबर 2024 से GRAP-IV (Graded Action Response Plan) के नियम लागू कर दिए गए हैं। यह कदम राजधानी की बढ़ती प्रदूषण समस्या को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
ट्रकों की एंट्री पर प्रतिबंध
GRAP-IV के तहत, दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पूरी तरह से बैन कर दी गई है। हालांकि, आवश्यक सेवाओं से जुड़े LNG, CNG, इलेक्ट्रिक और BS6 डीजल ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति होगी। इसके अलावा, दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हल्के वाणिज्यिक वाहनों (LCV) को भी केवल इलेक्ट्रिक, CNG, BS-VI या डीजल वाहनों की अनुमति होगी। अन्य सभी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा।
निर्माण कार्यों पर पाबंदी
दिल्ली में हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन और पाइपलाइन जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के निर्माण कार्यों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने और हवा की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
शिक्षा प्रणाली में बदलाव
मुख्यमंत्री आतिशी ने निर्देश दिया है कि कक्षा 10वीं और 12वीं को छोड़कर सभी कक्षाएं ऑनलाइन मोड में संचालित की जाएंगी। यह निर्णय छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
सरकारी कार्यालयों की कार्यप्रणाली
दिल्ली-NCR की राज्य सरकारों को सरकारी, नगरपालिका और प्राइवेट कार्यालयों को 50% क्षमता पर काम करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को घर से काम करने का निर्णय ले सकती है।
अतिरिक्त उपायों पर विचार
राज्य सरकारें अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर विचार कर सकती हैं, जैसे कि शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना या वाहनों के लिए ऑड-ईवन नियम लागू करना।
प्रदूषण की गंभीरता
CPCB (Central Pollution Control Board) के अनुसार, AQI स्तर को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है: 0-50 (अच्छा), 51-100 (संतोषजनक), 101-200 (मध्यम), 201-300 (खराब), 301-400 (बहुत खराब), 401-450 (गंभीर) और 450 से ऊपर (गंभीर प्लस)। वर्तमान में दिल्ली का AQI गंभीर प्लस स्तर पर पहुँच चुका है, जिससे प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
इन सभी उपायों का उद्देश्य दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करना और नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है।