उमा दासगुप्ता का 84 वर्ष की आयु में निधन: पाथेर पंचाली में निभाया था दुर्गा का किरदार**
न्यूज़ लहर संवाददाता
कोलकाता:बंगाली अभिनेत्री **उमा दासगुप्ता** का 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उनका निधन 18 नवंबर 2024 को कोलकाता में हुआ। उमा कई वर्षों से कैंसर से जूझ रही थीं, और उनके निधन की पुष्टि अभिनेता और राजनेता **चिरंजीत चक्रवर्ती** ने की।
**पाथेर पंचाली में दुर्गा का किरदार**
उमा दासगुप्ता को सत्यजीत रे की 1955 में आई फिल्म **पाथेर पंचाली** में दुर्गा के किरदार के लिए जाना जाता है। यह फिल्म बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय के उपन्यास पर आधारित है और इसे भारतीय सिनेमा के सबसे महान कार्यों में से एक माना जाता है। फिल्म में उनका अभिनय दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ गया, खासकर उस दृश्य के लिए जब दुर्गा और अप्पू पहली बार ट्रेन को देखते हैं।
उमा ने केवल 14 वर्ष की आयु में इस भूमिका को निभाया था, और उनकी अदाकारी ने उन्हें विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। उन्होंने अपने करियर में इस फिल्म के अलावा बहुत कम फिल्मों में काम किया, लेकिन उनकी भूमिका ने उन्हें सिनेमा की दुनिया में अमर बना दिया।
**व्यक्तिगत जीवन और करियर**
उमा दासगुप्ता का जन्म एक थिएटर परिवार में हुआ था, और उन्होंने अपने स्कूल के दिनों से ही नाटकों में भाग लेना शुरू कर दिया था। सत्यजीत रे ने उन्हें एक स्कूल कार्यक्रम में देखा था और उनके अभिनय से प्रभावित होकर उन्हें पाथेर पंचाली में कास्ट किया।
उनके पिता ने पहले उनकी फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करने का विरोध किया था, लेकिन बाद में उन्होंने सहमति दे दी। उमा ने पाथेर पंचाली के बाद मुख्यधारा की फिल्मों से दूरी बना ली और शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने का निर्णय लिया।
**स्मृतियाँ और श्रद्धांजलियाँ**
उमा दासगुप्ता का निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके सह-कलाकार सुबीर बनर्जी ने उनके साथ बिताए समय को याद करते हुए कहा कि वह बहुत दयालु थीं और अपनी पहली फिल्म में भी उन्होंने मार्गदर्शन प्रदान किया।
उनकी अदाकारी और पाथेर पंचाली में निभाए गए दुर्गा के किरदार को हमेशा याद किया जाएगा, जो भारतीय सिनेमा की एक महत्वपूर्ण धरोहर है। उमा दासगुप्ता की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।