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सिक्योरिटी गार्ड की संदिग्ध मौत पर परिजनों का हंगामा, कंपनी गेट जाम; मुआवजे पर बनी सहमति

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित केंदु गाछ मोड़ पर स्थित गीता सेल्स कॉरपोरेशन में ड्यूटी के दौरान 3 दिसंबर की रात सिक्योरिटी गार्ड भक्तिपद दास (63) घायल अवस्था में पाए गए। धनबाद निवासी भक्तिपद को पहले एमजीएम अस्पताल और फिर बेहतर इलाज के लिए रिम्स ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना को लेकर गुरुवार को मृतक के परिजनों ने कंपनी गेट के बाहर शव रखकर प्रदर्शन किया और 30 लाख रुपये मुआवजे की मांग की।

घटना की सूचना पर आदित्यपुर थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराने का प्रयास किया। बाद में कंपनी प्रबंधन, सिक्योरिटी एजेंसी और परिजनों के बीच बातचीत के बाद 3.50 लाख रुपये मुआवजा और 20 हजार रुपये श्राद्ध कर्म के लिए देने पर सहमति बनी।

संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत

 

मृतक भक्तिपद दास पिछले 10 वर्षों से सिक्योरिटी गार्ड के रूप में कार्यरत थे। परिजनों ने आरोप लगाया कि कंपनी में उनसे 24 घंटे काम लिया जाता था और उनकी उम्र के बावजूद छुट्टी नहीं दी जाती थी। साथ ही, उनका पीएफ और ईएसआईसी काटने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। परिजनों ने इसे एजेंसी और कंपनी प्रबंधन की लापरवाही करार दिया।

कंपनी और एजेंसी की प्रतिक्रिया

 

जी-7 सिक्योरिटी सर्विसेज के सुपरवाइजर सूरज त्रिपाठी ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही गार्ड को अस्पताल ले जाया गया। कंपनी के खर्चे पर उन्हें रिम्स ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। उन्होंने यह भी कहा कि अधिक उम्र होने के कारण मृतक का पीएफ और ईएसआईसी काटा जाना संभव नहीं था।

 

कंपनी प्रबंधन की ओर से अजय भाऊ सिंका ने कहा कि यह कंपनी उनके चचेरे भाई की है और वार्ता के दौरान सहमति के अनुसार मुआवजे का भुगतान कर दिया गया है।

 

परिजनों की मांग पर सहमति

 

घंटों चले प्रदर्शन के बाद परिजनों ने 3.50 लाख रुपये मुआवजा और 20 हजार रुपये श्राद्ध कर्म के लिए लेने पर सहमति जताई। परिजनों का कहना है कि इस उम्र में भी भक्तिपद को काम करना उनकी मजबूरी थी, क्योंकि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी।

 

पुलिस जांच जारी

 

आदित्यपुर थाना प्रभारी ने बताया कि घटना प्रथम दृष्टया संदिग्ध प्रतीत हो रही है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और परिस्थितियों की गहन पड़ताल की जा रही है।

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