सुप्रीम कोर्ट से जमानत और गिरफ्तारी की धमकी देकर महिला से 23 हजार ठगे

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड।जमशेदपुर में पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी की धमकी और सुप्रीम कोर्ट से जमानत दिलाने के नाम पर साइबर अपराधियों ने सीतारामडेरा निवासी जसबीर कौर से 23 हजार रुपये ठग लिए। घटना के बाद महिला का रो-रोकर बुरा हाल है।
कैसे हुई ठगी?
मंगलवार सुबह 11:30 बजे जसबीर कौर को एक कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को एसबीआई कस्टमर केयर हेड क्वार्टर, मुंबई का कर्मचारी बताया। उसने बताया कि उनके नाम से तमिलनाडु में एक क्रेडिट कार्ड जारी हुआ है, जिससे 1 लाख रुपये की ठगी हुई है। इसके बाद कॉलर ने विनय कुमार नाम के व्यक्ति से संपर्क करने को कहा।
विनय कुमार ने हैदराबाद साइबर थाने से क्लेरिफिकेशन लेटर लेने की बात कही और वीडियो कॉल पर जसबीर कौर को एक पुलिस वर्दी पहने व्यक्ति से बात करवाई। व्यक्ति ने आरोप लगाया कि जसबीर कौर का नाम नरेश गोयल के 536 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल है और सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया है।
परिवार को गिरफ्तारी और हत्या की धमकी
कॉलर ने धमकी दी कि अगर वह दो घंटे में हैदराबाद नहीं पहुंचीं तो उनके पूरे परिवार को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। साथ ही कहा कि घर से बाहर निकलने पर उनके साथ अनहोनी हो सकती है। कॉलर ने जसबीर कौर को किसी से बात न करने की हिदायत दी और सुप्रीम कोर्ट से अस्थायी जमानत दिलाने के लिए 45 हजार रुपये मांगे।
पैसे कैसे ठगे गए?
धमकी के बाद जसबीर कौर ने अपने भाई और बहन से क्रमशः 15 हजार और 8 हजार रुपये मंगवाए। यह रकम उन्होंने कॉलर द्वारा दिए गए यूपीआई खाते में भेज दी। इसके बाद कॉलर ने शेष 22 हजार रुपये रात में देने की मांग की।
ठगी का खुलासा
घबराई जसबीर कौर ने मामले की जानकारी अपने परिचित वकील को दी। वकील ने कॉलर से संपर्क किया तो उसने साफ कहा कि यह ठगी थी और पैसे वापस नहीं लौटाए जाएंगे। कॉलर ने दावा किया कि उसे बड़े लोगों का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
शिकायत दर्ज
बुधवार को जसबीर कौर ने साइबर थाना और साइबर सेल की टोल-फ्री हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सावधान रहें!
साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से बचने के लिए किसी अनजान कॉलर की बातों पर विश्वास न करें। बैंक या सरकारी एजेंसियां फोन पर ऐसे मामले नहीं निपटातीं। किसी संदिग्ध कॉल की सूचना तुरंत साइबर सेल को दें।