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जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने की मनरेगा, आवास एवं पंचायत राज विभाग की योजनाओं की समीक्षा, विकास कार्यों में तेजी लाने के दिए निर्देश

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड।जमशेदपुर के समाहरणालय सभागार में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में मनरेगा, आवास एवं पंचायत राज विभाग की योजनाओं की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में अबुआ आवास, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना, पीएम जनमन, मनरेगा, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना, बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन, बिरसा हरित ग्राम तथा पंचायती राज से संबंधित 15वें वित्त आयोग के तहत संचालित योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई।

बैठक में विकास कार्यों के धीमे क्रियान्वयन पर उपायुक्त ने नाराजगी जताते हुए पोटका प्रखंड के बीडीओ, बीपीओ और नाजिर को कारण बताओ नोटिस जारी किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी बीडीओ और बीपीओ प्रतिदिन अपने क्षेत्रों में कम से कम पांच योजनाओं को संचालित करें और उनकी प्रगति की नियमित समीक्षा करें। उन्होंने मानव दिवस सृजन और पौधारोपण की योजनाओं को शत-प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया।

 

आवास योजनाओं की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने प्रधानमंत्री आवास योजना और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत लंबित आवासों के निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अबुआ आवास योजना के तहत स्वीकृत आवासों की सभी किस्तों का भुगतान 18 दिसंबर 2024 तक सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने पोटका प्रखंड में सबसे अधिक लंबित आवासों के मामले में नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों को समयबद्ध कार्रवाई करने को कहा।

बैठक में पंचायतों में स्थापित ज्ञान केन्द्रों की भूमिका पर भी चर्चा की गई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि इन केन्द्रों के बारे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जनजागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि अधिक से अधिक छात्र-छात्राएं प्रतियोगी परीक्षा की पुस्तकों और अन्य शैक्षणिक सामग्री का लाभ उठा सकें। जिले में अब तक कुल 78 पंचायत ज्ञान केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं।

पंचायत राज विभाग के योजनाओं की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि पंचायत स्तरीय विकास कार्यों के क्रियान्वयन की नियमित समीक्षा कर दिसंबर 2024 तक 60 प्रतिशत तक व्यय सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने पंचायत सचिवों, प्रखंड समन्वयकों और कनीय अभियंताओं को अपनी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने और नियमित क्षेत्र भ्रमण कर योजनाओं की प्रगति पर निगरानी रखने का निर्देश भी दिया।

 

बैठक में निदेशक एनईपी संतोष गर्ग, जिला पंचायती राज पदाधिकारी श्रीमती रिंकू कुमारी, बीडीओ, बीपीओ, एई, जेई सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्राम विकास से जुड़ी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा जाए। उन्होंने विकास कार्यों में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।

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