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धन कुबेर निकला मध्यप्रदेश का पूर्व कांस्टेबल, खजाना इतना की फटी रह गई आंखें, 8000 करोड़ की संपत्ति बरामद

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

मध्य प्रदेश: भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के यहां लोकायुक्त की कार्रवाई पूरी हो गई है। इसके बाद लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि कुल 8000 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति का पता चला है।

जयदीप प्रसाद ने बताया कि सौरभ शर्मा के साथ ही उसके करीबी ड्राइवर चेतन गौर को आरोपी बनाया गया है। दोनों को समन जारी कर दिया गया है। लोकायुक्त को अभी भी जानकारी नहीं कि सौरभ कहां है। उसकी तलाश की जा रही है। मामले में हवाला के एंगल से जांच की जा सकती है।

दूसरी एजेंसियों ने भी कसा शिकंजा, ईडी दर्ज कर चुकी केस

इस बीच, काली काली कमाई कर करोड़ों रुपये इकट्ठा करने वाले मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों पर दूसरी जांच एजेंसियों ने भी शिकंजा कस दिया है।

 

सौरभ और चेतन गौर के विरुद्ध सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भोपाल में प्रकरण कायम कर लिया। वहीं, सोना मिलने के मामले में डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) भी जांच शुरू करने की तैयारी में है।

दूसरी ओर, आयकर विभाग ने दुबई में बैठे सौरभ को भोपाल लाने के लिए लुकआउट सर्कुलर जारी कराने की तैयारी की है। आयकर अधिकारियों का कहना है कि सौरभ से पूछताछ में कई बड़े राज खुलेंगे।

 

कार में मिली डायरी में परिवहन के जिन अधिकारियों और नेताओं नाम हैं, उनके बारे में भी आयकर की टीम सौरभ से पूछताछ करेगी। चेतन ने आयकर विभाग को जो नाम बताए हैं, उन्हें बुलाकर भी पूछताछ की जाएगी।

लोकायुक्त और आईटी ने बीते बुधवार को मारा था छापा

बीते सप्ताह बुधवार को विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त के छापे में सौरभ और उसके सहयोगी चेतन गौर के आवास और कार्यालय में दो करोड़ 85 लाख रुपये नकद सहित आठ करोड़ रुपये की संपत्ति मिलने के बाद ईडी ने प्रकरण कायम किया है।

पुलिस द्वारा सौरभ के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के दर्ज एफआईआर के आधार पर सोमवार को ईडी ने यह मामला पंजीबद्ध किया है। इसके माध्यम से मेंडोरी गांव में चेतन की कार में मिला 54 किलो सोना और नौ करोड़ 86 लाख रुपये नकद मिलने के संबंध में भी जांच की जाएगी।

 

यह सोना और नकदी आयकर की टीम ने गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात जब्त किया था। ईडी सौरभ सहित उन सभी आरोपितों से पूछताछ करेगा जो पुलिस की जांच में आरोपित होंगे।

 

सौरभ की सैलरी थी 50-60 हजार

हमारी तरफ से कोई भी जानकारी कहीं लीक नहीं हुई है। लोकल पुलिस ने गाड़ी में सोना होने की बात लोकायुक्त को क्यों नहीं बताई यह मुझे नहीं मालूम है और इनकम टैक्स को क्यों बताया यह नहीं मालूम है।

सौरभ शर्मा ने कितने समय में यह प्रॉपर्टी इकट्ठा की, यह विवेचना का विषय है। 2016 में सौरभ की अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति हुई थी, वह एक आरक्षक है।

वह स्वास्थ्य विभाग में थे और अनुकंपा परिवार विभाग में हुई, जून 2023 में वीआरएस ले लिया। उसका मासिक वेतन तो बस 50-60 हजार होता होगा, यानी 7 सालों में 60 70 लाख।

 

खंगाला जा रहा पॉलिटिकल कनेक्शन

सौरभ शर्मा का कोई राजनीतिक कनेक्शन है इस बारे में अभी मेरी कोई जानकारी नहीं है। राजेश शर्मा और सौरभ शर्मा का कोई कनेक्शन है या नहीं है, मुझे नहीं मालूम है।

चेतन गौर की गाड़ी और सौरभ शर्मा का कोई कनेक्शन का लिंक हमें नहीं मिला है, मीडिया रिपोर्ट्स में जो बातें आ रही है इसके लिए हमने इनकम टैक्स को लिखा है।

 

चेतन और सौरभ में कनेक्शन है इसकी हम जांच करेंगे। चेतन ने माना है कि उसकी एक गाड़ी को सौरव यूज करता है, इस तरीके से उसने एडमिट किया है कि सौरभ से उसके कनेक्शन हैं। उसके खिलाफ मिले सारे दस्तावेज और डायरी अभी पैक्ड हैं। इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई गई हैं।

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