जमशेदपुर: मैट्रिक और इंटर परीक्षा केंद्र निर्धारण को लेकर उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक आयोजित
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड।जमशेदपुर के समाहरणालय सभागार में जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 के लिए परीक्षा केंद्रों के निर्धारण और संचालन को लेकर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान, एसडीएम धालभूम श्रीमती शताब्दी मजूमदार, सिटी एसपी कुमार शिवाशीष, जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष पांडेय, जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार, माननीय सांसद एवं विधायकों के प्रतिनिधि, और विभिन्न शिक्षा संघों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
बैठक में वर्ष 2025 की वार्षिक माध्यमिक (मैट्रिक) और इंटरमीडिएट परीक्षाओं (कला, विज्ञान और वाणिज्य) के लिए परीक्षा केंद्रों के निर्धारण, संबद्धन और मूल्यांकन केंद्रों की स्थापना पर विस्तृत चर्चा की गई। बताया गया कि इस बार जिले में कुल 47636 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। इनमें 25380 मैट्रिक और 22256 इंटर के छात्र-छात्राएं शामिल हैं। इंटर में कला संकाय से 13595, विज्ञान से 4697 और वाणिज्य से 3964 परीक्षार्थी शामिल होंगे।
मैट्रिक के लिए धालभूम अनुमंडल में 45 और घाटशिला अनुमंडल में 26 परीक्षा केंद्र चिन्हित किए गए हैं। वहीं, इंटर परीक्षा के लिए धालभूम में 23 और घाटशिला में 12 केंद्र बनाए गए हैं। मदरसा परीक्षा के लिए साकची स्थित सेन्ट्रल करीमिया उच्च विद्यालय को केंद्र बनाने का प्रस्ताव रखा गया।
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने परीक्षा संचालन के दौरान सुरक्षा और सुगमता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। परीक्षा केंद्रों के निकटस्थ राष्ट्रीयकृत बैंकों में प्रश्न पत्रों का सुरक्षित भंडारण किया जाएगा। परीक्षा के दौरान प्रत्येक केंद्र पर एक स्टैटिक दंडाधिकारी के साथ महिला और पुरुष पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। उड़नदस्ता सह जोनल दंडाधिकारी को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे प्रश्न पत्रों को सुरक्षित परीक्षा केंद्र तक पहुंचाएं और परीक्षा समाप्त होने के बाद सील बंद उत्तरपुस्तिकाओं को वज्रगृह तक वापस लाएं।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि दोनों अनुमंडल मुख्यालयों में वज्रगृह सह नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे, जहां से परीक्षा संचालन की निगरानी की जाएगी। उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि परीक्षा संचालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
इस बैठक से यह स्पष्ट हुआ कि जिला प्रशासन वार्षिक परीक्षाओं को सुचारू और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।