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जमशेदपुर: ऑब्जर्वेशन होम और बाल सुधार गृह का औचक निरीक्षण, प्रबंधन को सुधार के दिए निर्देश

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड। पूर्वी सिंहभूम जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम, श्रीमती शताब्दी मजूमदार ने ऑब्जर्वेशन होम और बाल सुधार गृह का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान ऑब्जर्वेशन होम में कई गंभीर कमियां पाई गईं, जिनमें मोबाइल, बीड़ी, गांजा, और रस्सी जैसी वस्तुएं जप्त की गईं। अनुमंडल पदाधिकारी ने इस पर नाराजगी जताते हुए प्रबंधन को सख्त निर्देश दिए कि कार्यशैली में सुधार लाया जाए।

ऑब्जर्वेशन होम में सुरक्षा और सफाई की लापरवाही

 

निरीक्षण के दौरान इंट्री गेट पर गार्ड द्वारा बगैर पूछताछ के लोगों को प्रवेश देने पर कड़ी फटकार लगाई गई और स्पष्ट निर्देश दिया गया कि बिना जांच किसी को भी परिसर में प्रवेश न दिया जाए। परिसर में साफ-सफाई की कमी भी पाई गई। मौके पर मौजूद शिक्षक को उपलब्ध संसाधनों के बेहतर रखरखाव और नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। प्रबंधन ने स्टाफ की कमी की समस्या उठाई, जिस पर अनुमंडल पदाधिकारी ने यथोचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही जप्त वस्तुओं की सूची बनाकर उन्हें नष्ट करने का निर्देश दिया गया।

बाल सुधार गृह में बच्चों को दी सकारात्मक जीवन जीने की प्रेरणा

 

बाल सुधार गृह के निरीक्षण में व्यवस्थाएं अपेक्षाकृत बेहतर पाई गईं। किचन, बच्चों के रूम और परिसर का निरीक्षण किया गया, जहां 19 बच्चे और केयरटेकर उपस्थित थे। उपस्थिति रजिस्टर और स्टॉक की स्थिति अपडेट पाई गई।

उपलब्ध संसाधनों, जैसे प्रोजेक्टर, का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। अनुमंडल पदाधिकारी ने बच्चों से संवाद स्थापित कर उन्हें जीवन में अपनी ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की प्रेरणा दी।

प्रबंधन को दिए विशेष निर्देश

 

अनुमंडल पदाधिकारी ने प्रबंधन को निर्देशित किया कि प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक डॉक्यूमेंट्री, फिल्में और जानकारीपूर्ण वीडियो दिखाए जाएं। यह न केवल बच्चों के मनोरंजन का साधन बनेगा, बल्कि उनके मन-मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव भी डालेगा। बच्चों की निगरानी और संसाधनों के उचित रखरखाव के लिए भी निर्देश दिए गए।

इस निरीक्षण के माध्यम से जिला प्रशासन ने यह संदेश दिया कि बाल देखभाल संस्थानों की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त रखना प्राथमिकता है

और किसी भी लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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