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_लापता मास्साब का इंतजार! स्कूल के लिए निकला शिक्षक 12 साल से गायब, राजगढ़ में अनोखा केस_*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

मध्यप्रदेश: सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप ने हाल ही में रायसेन जिले के बरेली में अपना दर्द साझा करते हुए मंच से कहा था कि, ”मुझे ऐसे शिक्षकों के बारे में पता है जो स्कूल नहीं जाते. उन्होंने किराय पर दूसरे शिक्षकों को काम पर रखा हुआ है. मेरे जिले में ही लगभग 100 शिक्षक ऐसे हैं जो स्कूल नहीं आते.” उनका यह बयान मीडिया और सोशल मीडिया की सुर्खिया बन गया.

12 साल से स्कूल नहीं आ रहा शिक्षक

 

उनके इस बयान के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप सा मच गया. पीड़ित शिक्षक खुलकर सामने भी आ गए. ऐसा ही एक मामला राजगढ़ जिले से भी निकलकर सामने आया है. जहां कागजों में पदस्थ एक शिक्षक पिछले 12 वर्षों से बगैर किसी सूचना के गायब है. लेकिन पोर्टल पर उनकी मौजूदगी होने के कारण न तो किसी प्राथमिक शिक्षक की भर्ती हो पा रही है और ना ही अतिथि शिक्षक की. एक ही शिक्षक पिछले डेढ़ वर्ष से इस प्राथमिक स्कूल का कार्यभार संभाल रहा है.

पोर्टल पर दर्ज शिक्षक की मौजूदगी

 

दरअसल, यह पूरा मामला राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ विकासखंड के अंतर्गत आने वाले शासकीय प्राथमिक स्कूल छपरीकला का है. जहां कागजों और पोर्टल पर पदस्थ प्राथमिक शिक्षक जगन्नाथ टीगरवाल बगैर कोई सूचना दिए पिछले 12 वर्षों से स्कूल से गायब है. जिसकी जानकारी जिले के उच्च अधिकारियों को भी है, लेकिन न तो उनका नाम पोर्टल से हटाया गया और न ही उन्हें नोटिस देकर नौकरी से बर्खास्त किया गया.

 

ड़ेढ साल से एक टीचर संभाल रहा स्कूल

 

स्कूल में पदस्थ अन्य शिक्षक हिम्मत सिंह मीणा बताते हैं कि, ”स्कूल में पदस्थ एक प्राथमिक शिक्षक पिछले 12 वर्षों से अनुपस्थित है. जिसकी जानकारी मेरे द्वारा लगातार विभाग को दी गई है. लेकिन उनका नाम पोर्टल से नहीं हटाया गया और न ही उनकी जगह यहां किसी अन्य शिक्षक की भर्ती की गई. पोर्टल पर नजर आने के कारण हम अतिथि शिक्षक की भर्ती करने में भी असमर्थ हैं. मैं अकेला ही पिछले डेढ़ साल से एक से 5वीं तक के बच्चों को सम्भाल रहा हूं. यदि मुझे ऑफिशियल काम से कहीं जाना भी होता है तो बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है.”

शासन के नियमों के मुताबिक, यदि कोई शासकीय कर्मचारी बगैर किसी सूचना के छुट्टी लेता है तो उसे 90 दिवस में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाना चाहिए. संतोषजनक जवाब न मिलने पर उसे नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए.

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