जमशेदपुर में अवैध खनन पर नकेल कसने के लिए जिला खनन टास्क फोर्स की बैठक, सख्त कार्रवाई के निर्देश
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:जमशेदपुर समाहरणालय सभागार में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में जिला खनन टास्क फोर्स की मासिक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले में अवैध खनन, परिवहन और भंडारण की गतिविधियों की गहन समीक्षा की गई। उपायुक्त ने खनन माफियाओं पर सख्ती बरतने और सभी संबंधित विभागों को मिलकर समन्वित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने कहा कि खनन टास्क फोर्स को अपना सूचना तंत्र मजबूत करना चाहिए और सघन जांच अभियान चलाना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अवैध खनन और परिवहन में संलिप्त वाहनों और माफियाओं पर सुसंगत धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही, अवैध ईंट भट्ठों को चिन्हित कर उनके खिलाफ आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए। बैठक में विभिन्न अंचलों में अवैध खनन और परिवहन के मामलों की समीक्षा की गई और जप्त बालू की जल्द नीलामी प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया गया।
बहरागोड़ा अंचल के बनकटा बालू घाट के संचालन और उससे संबंधित लंबित सीटीओ आवेदन पर चर्चा करते हुए उपायुक्त ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने अनुमंडल अधिकारियों और अंचल अधिकारियों को अपने क्षेत्र में अवैध खनन और परिवहन की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने का आदेश दिया।
बैठक में उपायुक्त ने थाना प्रभारियों को निर्देश दिया कि अगर किसी भी स्तर पर अवैध खनन और परिवहन की सूचना मिले, तो तत्काल टीम गठित कर कार्रवाई सुनिश्चित करें और प्राथमिकी दर्ज करें। उन्होंने कहा कि जिले में अवैध कारोबारियों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाए।
बिना पूर्व सूचना के बैठक से अनुपस्थित रहने पर कारखाना निरीक्षक को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया। उपायुक्त ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों पर नजर रखें और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी सबा आलम अंसारी, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान, एसडीएम श्रीमती शताब्दी मजूमदार, एडीसी भगीरथ प्रसाद, डीएमओ सतीश नायक और एमवीआई सूरज हेम्ब्रम सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। रूरल एसपी ऋषभ गर्ग, सिटी एसपी कुमार शिवाशीष, सीओ, डीएसपी और थाना प्रभारी ऑनलाइन माध्यम से बैठक में जुड़े।
उपायुक्त ने कहा कि अवैध खनन और परिवहन पर अंकुश लगाना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। सभी संबंधित विभागों को मिलकर समन्वित कार्रवाई करनी होगी ताकि जिले में विधि-व्यवस्था सुचारू रूप से बनी रहे।