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औरंगा नदी पुल निर्माण स्थल पर नाईट गार्ड की हत्या का मामला: पाँच अभियुक्त गिरफ्तार

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:लातेहार जिला स्थित औरंगा नदी पर बन रहे पुल के नाईट गार्ड बालगोविंद साहू की बेरहमी से हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पाँच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। घटना दिनांक 26 दिसंबर 2024 की रात की है, जब अज्ञात अपराधियों ने लेवी के लिए गार्ड की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। घटनास्थल पर झारखंड संघर्ष जनशक्ति मोर्चा (एसजेएमएम) के नाम से पर्चा छोड़कर घटना की जिम्मेदारी प्रदीप सिंह के नेतृत्व में संगठन द्वारा ली गई थी।

कांड का पंजीकरण और जांच प्रक्रिया

 

मृतक के पुत्र प्रदीप साहू के आवेदन पर लातेहार थाना में दिनांक 27 दिसंबर 2024 को कांड संख्या 211/24 दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक, लातेहार के निर्देश पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम का गठन किया गया। टीम ने मामले की तह तक पहुँचने के लिए सतत अनुसंधान और छापेमारी अभियान चलाया।

छापेमारी और गिरफ्तारियां

 

दिनांक 3-4 जनवरी 2025 की रात, ग्राम भुसुर, पिपरागढ़ा, और केंदुआही में छापेमारी के दौरान पाँच संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सभी अभियुक्तों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और खुलासा किया कि हत्या क्षेत्र में दहशत फैलाने और लेवी वसूली के उद्देश्य से की गई थी। घटना में प्रदीप गंझू उर्फ प्रदीप सिंह मुख्य साजिशकर्ता था।

गिरफ्तार अभियुक्तों की सूची

 

1. भुनेश्वर सिंह उर्फ अंकित (21 वर्ष), पिता: केदार सिंह, ग्राम: भुसुर, थाना: लातेहार।

 

2. रमेश सिंह उर्फ गुल्टन (24 वर्ष), पिता: स्व. नंदू सिंह, ग्राम: केंदुआही, थाना: लातेहार।

 

 

3. छोटेलाल उराँव (27 वर्ष), पिता: एलवा उराँव, ग्राम: पिपरागढ़ा, थाना: लातेहार।

 

 

4. रामचंद्र उराँव (24 वर्ष), पिता: स्व. लुथरू उराँव, ग्राम: पिपरागढ़ा, थाना: लातेहार।

 

 

5. सनोज उराँव (23 वर्ष), पिता: स्व. जयराम उराँव, ग्राम: पिपरागढ़ा, थाना: लातेहार।

 

 

 

जप्त सामानों की सूची

 

1. भरतुआ बंदूक: 3

 

 

2. मोबाइल फोन: 2

 

 

3. टांगी (कुल्हाड़ी): 1

 

 

 

पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका

 

छापामारी दल में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरविंद कुमार के नेतृत्व में थाना प्रभारी दुलड़ चौड़े, पु.अ.नि. भागीरथ पासवान, मनोज कुमार, रामाकांत गुप्ता, राहुल सिन्हा, सुरेंद्र महतो, विक्रांत उपाध्याय समेत अन्य अधिकारी और सशस्त्र बल शामिल थे। तकनीकी शाखा के कर्मियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

प्रकरण का निष्कर्ष

 

पुलिस ने अभियुक्तों के बयान और निशानदेही के आधार पर हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद कर लिया है। यह कार्रवाई पुलिस की तत्परता और प्रभावी अनुसंधान का परिणाम है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मुख्य साजिशकर्ता प्रदीप गंझू की गिरफ्तारी के लिए भी जल्द कार्रवाई की जाएगी। इस मामले ने क्षेत्र में कानून व्यवस्था को लेकर विश्वास बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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