सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम बापू को दी अंतरिम जमानत, मेडिकल आधार पर सुनाया फैसला
न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू को बड़ी राहत दी है। मंगलवार को हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने उन्हें 31 मार्च तक की अंतरिम जमानत प्रदान की। यह जमानत आसाराम की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति और चिकित्सीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दी गई है।
जमानत की शर्तें सख्त
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते समय आसाराम बापू के लिए सख्त शर्तें तय की हैं। आदेश के अनुसार, जमानत की अवधि के दौरान आसाराम अपने किसी भी अनुयायियों से नहीं मिलेंगे और इस दौरान उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि जमानत का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, अन्यथा इसे तुरंत रद्द कर दिया जाएगा।
मेडिकल आधार पर मिली जमानत
आसाराम बापू को जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काटते हुए कई स्वास्थ्य समस्याएं हो चुकी हैं। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें जेल परिसर से बाहर स्थित भगत कोठी के आरोग्य चिकित्सा केंद्र में भर्ती कराया गया था। वहां उनका इलाज जारी है। इससे पहले आसाराम को हार्ट अटैक भी आ चुका है, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति और गंभीर हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उन्हें अस्थायी रूप से जमानत देने का फैसला सुनाया।
कौन सा मामला है जुड़ा?
आसाराम बापू पर साल 2013 में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा था। मामले की सुनवाई के बाद उन्हें दोषी ठहराया गया और उम्रकैद की सजा सुनाई गई। यह मामला लंबे समय तक मीडिया और न्यायालयों में चर्चा का विषय बना रहा।
पुलिस की कड़ी निगरानी
कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि जमानत के दौरान आसाराम के किसी भी अनुचित संपर्क या गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जाएगी। इसके लिए पुलिस बल को उनकी निगरानी में तैनात किया जाएगा।
आगे की सुनवाई
आसाराम की जमानत 31 मार्च तक वैध है। इसके बाद उनकी स्थिति और कोर्ट के आदेशों के अनुसार आगे का निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उनके अनुयायियों और परिवार के लिए बड़ी राहत के रूप में आया है।
यह देखना बाकी है कि जमानत के बाद आसाराम बापू के स्वास्थ्य में सुधार होता है या नहीं, और क्या न्यायालय उन्हें स्थायी राहत प्रदान करता है।