बहुभाषी शिक्षा से बच्चे होंगे शिक्षण में दक्ष*
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:चाईबासा में बहुभाषी शिक्षा से बच्चे में सर्वांगीण विकास की नींव रखने हेतु ‘पलाश’ कार्यक्रम के तहत झारखंड राज्य के चयनित पांच जिलों के 5 भाषाओं- संताली,मुंडारी,कुड़ुख,हो और खड़िया के लिए 55 मास्टर ट्रेनरों का द्वितीय चरण का प्रशिक्षण जेसीइइआरटी,रातू रांची में सम्पन्न हुआ। जिला शिक्षा पदाधिकारी,पश्चिमी सिंहभूम ने इसमें भाग लेने के लिए जिले के चयनित 8 मास्टर ट्रेनरों को भेजा गया। जिसमें राजेन्द्र प्रसाद नेवार,देवीलाल पुरती,दमयंती बिरुवा,बिनिता कुमारी गोप,ज्योति बासु बारिक,नवीन कुमार झा,राजेश सिंकू और कृष्णा देवगम शामिल थे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के प्रावधान अनुसार प्रशिक्षण में प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों की परिचित मातृभाषा से सीखने -सिखाने की प्रक्रिया सुनिश्चित करने की बात कही गई,जिससे बच्चे बुनियादी पठन-लेखन और संख्यात्मक कौशलों में निपुणता हासिल कर सके। इसके लिए जनजातीय क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों में संतुलित भाषा शिक्षण पद्धति से बच्चों के मौखिक भाषा विकास,डिकोडिंग,पठन और लेखन में कार्य करने के गुर सिखाए गए। इसके बाद मास्टर ट्रेनर जिले के विभिन्न हो भाषी विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण देंगे। जिले स्तर पर द्वितीय चरण का प्रशिक्षण सम्पन्न होने के बाद शिक्षक- शिक्षिकाएं विद्यालय में मातृभाषा के माध्यम से बच्चों को स्कूली भाषा हिंदी एवं अंग्रेजी के विषय-वस्तुओं से परिचित कराएंगे और बहुभाषी शिक्षा से उन्हें धारा प्रवाह अर्थपूर्ण शिक्षण में दक्ष बनाने की दिशा में कार्य करेंगे।
जिला स्तर में आगामी 20 जनवरी से हो भाषा बहुल 305 विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को 8 बैच में प्रशिक्षण दिया जाएगा।मास्टर ट्रेनर कृष्णा देवगम ने बताया कि प्रशिक्षण में लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन के जिला समन्वयक विवांशु सिंह समेत दीपक सांडिल, कमल लोचन प्रमाणिक,एहसान आलम,उषा कुमारी और पूजा कुमारी पान तकनीकी सहयोग देंगे।