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तिरुपति मंदिर में भगदड़ से छह श्रद्धालुओं की मौत, वैकुंठ द्वार दर्शन के टोकन के लिए उमड़ी भीड़

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

आंध्र प्रदेश : तिरुपति स्थित प्रसिद्ध तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर में बुधवार को वैकुंठ द्वार दर्शन के टोकन जारी करने के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। वहीं मुख्यमंत्री ने दुःख व्यक्त किया है और घायलों की बेहतर इलाज का आदेश दिया है।

घटना का विवरण

 

घटना उस समय हुई जब तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने वैकुंठ एकादशी 2025 के लिए ऑनलाइन बुकिंग और टिकट जारी करना शुरू किया। दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त टोकन काउंटरों पर उमड़ पड़े, जिससे अराजक स्थिति उत्पन्न हो गई और भगदड़ मच गई।

 

मृतकों में तमिलनाडु के सेलम के एक श्रद्धालु सहित कुल छह लोग शामिल हैं। इसके अलावा, कई श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें तिरुपति के रुइया राजकीय सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

 

प्रशासन की प्रतिक्रिया

 

टीटीडी प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भीड़ प्रबंधन के उपायों को सख्त किया जाएगा। स्थानीय पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए हैं और श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की है।

वैकुंठ एकादशी का महत्व और भीड़ प्रबंधन की चुनौती

 

वैकुंठ एकादशी के अवसर पर तिरुपति मंदिर में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस वर्ष की घटना ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि भीड़ प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था के लिए आधुनिक तकनीकों और पर्याप्त संसाधनों का उपयोग किया जाना चाहिए।

 

एक अन्य हादसा: एंबुलेंस ने श्रद्धालुओं को मारी टक्कर

 

इस बीच, तिरुपति में एक अन्य हादसे में एक एंबुलेंस ने मंदिर जा रहे श्रद्धालुओं को टक्कर मार दी, जिससे दो महिलाओं की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए। घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

 

प्रशासन की अपील

 

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संयम बनाए रखें और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सतर्क रहें। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि घायल श्रद्धालुओं के इलाज और मृतकों के परिवारों को सहायता प्रदान की जाएगी।

 

घटना ने लाखों श्रद्धालुओं और प्रशासन को गहरे सदमे में डाल दिया है। इसने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया है।

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