सरकारी स्कूलों में शिक्षा सुधार पर जोर, उपायुक्त ने समीक्षा बैठक में दिए अहम निर्देश
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड।जमशेदपुर के समाहरणालय सभागार में जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में शिक्षा एवं कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने और सरकारी योजनाओं को छात्रों तक समय पर पहुंचाने के लिए अहम निर्णय लिए गए।
बैठक में परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपांकर चौधरी, जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष पांडेय सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और बोर्ड परीक्षा में छात्रों का प्रदर्शन सुधारना था। उपायुक्त ने अधिकारियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए गंभीरता से कार्य करने का निर्देश दिया।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने शिक्षकों और बच्चों की ई-विद्यावाहिनी में उपस्थिति को अनिवार्य रूप से दर्ज कराने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि दिसंबर माह में 18% शिक्षकों और 29% बच्चों ने अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई थी, जिसे शत-प्रतिशत करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा, विद्यालय ग्रांट की राशि का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित करने, पोषाक और साइकिल वितरण को जनवरी माह के अंत तक पूरा करने और छात्रों के बैंक खाते खोलने की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए गए। पोषाक वितरण में 93% प्रगति के साथ शेष कार्य शीघ्र पूरा करने का आदेश दिया गया।
छात्रवृत्ति योजनाओं की समीक्षा के दौरान बताया गया कि प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के 16,641 और पोस्ट-मैट्रिक के 1,106 मामलों का निपटारा लंबित है। उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को स्कूलों और बैंकों के साथ समन्वय स्थापित कर जल्द से जल्द छात्रवृत्ति राशि के भुगतान को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
बैठक में बच्चों की बैंक खाता खोलने की स्थिति पर भी चर्चा हुई। जिले के कुल 1,74,727 बच्चों में से 1,57,472 का बैंक खाता खुल चुका है, जबकि 17,255 बच्चों का खाता अब भी लंबित है। इनमें से 6,896 बच्चों के फॉर्म बैंकों में जमा कराए जा चुके हैं। उपायुक्त ने सभी बीईईओ को विद्यालय प्राचार्यों और बैंक शाखा प्रबंधकों के साथ समन्वय कर यह कार्य पूरा करने का निर्देश दिया।
शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के साथ-साथ स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं जैसे पेयजल, बिजली और शौचालय की उपलब्धता पर भी चर्चा हुई। विद्यालय परिसरों की साफ-सफाई और पौधारोपण के निर्देश भी दिए गए।
उपायुक्त ने सभी अधिकारियों से कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ छात्रों तक ससमय पहुंचे और शिक्षा के स्तर में सुधार हो, इसके लिए सभी जिम्मेदारी से काम करें। बच्चों की बेहतर शिक्षा और भविष्य के लिए सरकार की हर योजना को प्रभावी तरीके से लागू करना सुनिश्चित किया जाए।