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संविधान के उपबंधों से असंगत ईचा डैम रद्द हो: बिर सिंह बिरुली*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: ईचा खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान ने झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना (ईचा डैम) बनाने के मामले में संतोष कुमार सोनी बनाम झारखंड राज्य में प्रार्थी द्वारा मांगी गई राहत नहीं देते हुए जनहित याचिका खारिज करने पर खुशी और हर्ष व्यक्त करते हुए तांबो चौक में आतिशबाजी की तथा माननीय उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए मिठाईयां बांटी । प्रार्थी ने याचिका में कहा था कि परियोजना में 61000 हजार करोड़ रुपए खर्च हो चुकी है। काम पूरा नहीं होने पर राज्य सरकार को दुगुनी राशि लौटानी होगी। और एक तरफ ईचा डैम के प्रारंभ से ही परियोजना का विरोध होते आ रहा है। संघ के अध्यक्ष बिर सिंह बिरुली ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संविधान के उपबंधों से असंगत ईचा डैम रद्द होना चाहिए। झारखंड कोल्हान के 87 और उड़ीसा के 39 गांव इस परियोजना के बनने से प्रभावित होगें। याचिका खारिज होने से खतियानियों, रैयतों और आंदोलकारियों में खुशी का माहौल है।

आदिवासी मूलवासीयों ने थोड़ी राहत जरूर मिली है। संघ ईचा डैम रद्द करने की दिशा में निर्णायक आंदोलन जारी रखेगा। इस मौके पर रेयांश समाड,सुरेश चंद्र सोय,सुरेंद्र बुड़ीउली,गुलिया कुदादा,हरीश अल्डा,रविन्द्र अल्डा,बिरसा गोडसोरा,गुलिया कालुंडिया, श्यामा कुदादा,साधु चरण बुड़ीउली,निर्मल पूर्ति,अविनाश गोप,मुकरु हेंब्रम,

जुकलु सवैयां,संजय जरिका,बोडराम महाकुड, मुकरू कालुंडिया,अजय कुमार पिंगुआ,सुंदर बास्के,मिलन कुमार कालुडिया और आंदोलनकारी साथी उपस्थित थे।

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