प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ के 118वें एपिसोड में गणतंत्र दिवस, महाकुंभ, स्पेस और स्टार्टअप्स पर की चर्चा
न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इस साल के पहले और रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 118वें एपिसोड को संबोधित किया। सामान्यतः ‘मन की बात’ महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होता है, लेकिन इस बार आखिरी रविवार गणतंत्र दिवस के साथ पड़ने के कारण प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को एक सप्ताह पहले प्रसारित किया।
गणतंत्र दिवस और संविधान की 75वीं वर्षगांठ:
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस बार का गणतंत्र दिवस विशेष है, क्योंकि यह भारतीय गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ है। उन्होंने संविधान सभा के उन महान व्यक्तित्वों को नमन किया, जिन्होंने भारत को एक पवित्र संविधान दिया।
महाकुंभ और गंगासागर मेले का महत्व:
पीएम मोदी ने महाकुंभ को ‘विविधता में एकता’ का उत्सव बताया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ की परंपरा भारत को एक सूत्र में बांधती है और इसमें युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है। गंगासागर मेले का जिक्र करते हुए उन्होंने इसे सद्भाव और एकता का प्रतीक बताया।
अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा:
प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का भी जिक्र किया। उन्होंने इसे भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बताया और इसे सहेजने और प्रेरणा लेने पर बल दिया।
स्पेस तकनीक में भारत की नई ऊंचाई:
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने स्पेस तकनीक में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने PIXXEL के प्राइवेट सैटेलाइट और स्पेस डॉकिंग की सफलता के लिए इसरो को बधाई दी। उन्होंने कहा कि स्पेस डॉकिंग करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है।
नेशनल वोटर्स डे और लोकतंत्र की मजबूती:
पीएम मोदी ने 25 जनवरी को नेशनल वोटर्स डे के रूप में मनाने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने भारतीय निर्वाचन आयोग की स्थापना और लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी को संविधान में दिए गए महत्व पर चर्चा की।
स्टार्टअप इंडिया की सफलता:
प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप इंडिया के 9 साल पूरे होने का जिक्र करते हुए बताया कि देश के स्टार्टअप्स का आधे से ज्यादा हिस्सा अब छोटे शहरों से आ रहा है। उन्होंने कहा कि यह देखकर खुशी होती है कि स्टार्टअप कल्चर केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में देशवासियों को प्रेरणा देते हुए कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजना है, आधुनिकता को अपनाना है, और प्रगति की ओर निरंतर अग्रसर रहना है।