छत्तीसगढ़ में फोर्स की घेराबंदी से नक्सलियों का सफाया: एक साल में 100 से अधिक माओवादी ढेर
न्यूज़ लहर संवाददाता
जगदलपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक रणनीति अपनाई है। आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, और महाराष्ट्र के शीर्ष नक्सली लीडरों समेत बस्तर के कई खतरनाक नक्सली फोर्स की घेराबंदी और गोलियों का शिकार हो चुके हैं।
अब तक बस्तर समेत छत्तीसगढ़ में केंद्रीय कमेटी (CCM), राज्य कमेटी (SCM), और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) के कैडर मारे जा चुके हैं, जिन पर 25 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक के इनाम घोषित थे। सुरक्षाबलों ने नक्सल प्रभावित जिलों के साथ-साथ राज्यों की सीमा पर भी जॉइंट ऑपरेशन की नई रणनीति अपनाई है, जिससे नक्सलियों के गढ़ में ही उनका सफाया किया जा रहा है।
हालिया मुठभेड़ों का विवरण
20-21 जनवरी 2025: गरियाबंद जिले के जंगलों में छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर फोर्स ने मुठभेड़ में 27 नक्सलियों को मार गिराया। घटनास्थल से 14 शव बरामद किए गए हैं।
16 जनवरी 2025: दंतेवाड़ा, बीजापुर, और सुकमा जिलों की फोर्स ने पुजारी कांकेर इलाके में 18 नक्सलियों को घेरकर ढेर किया। यह इलाका तेलंगाना की सीमा से सटा हुआ है।
4 अक्टूबर 2024: नारायणपुर और दंतेवाड़ा पुलिस ने नेंदुर-थुलथुली गांव में सबसे बड़ा ऑपरेशन चलाकर 38 माओवादियों को मार गिराया।
16 अप्रैल 2024: कांकेर और नारायणपुर जिले की सीमा पर छोटे बेठिया थाना इलाके में 29 नक्सलियों को मौत के घाट उतारा गया।
नक्सलियों के खात्मे की नई रणनीति
सुरक्षाबलों ने जॉइंट ऑपरेशन के तहत राज्यों की सीमाओं पर घेराबंदी बढ़ा दी है। ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों को उनके गढ़ में ही चारों ओर से घेरा जा रहा है। इसमें राज्यों की पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), और अन्य सुरक्षा एजेंसियां संयुक्त रूप से काम कर रही हैं।
नक्सलियों पर कार्रवाई के असर
सुरक्षाबलों की आक्रामक रणनीति के कारण नक्सली संगठनों में हड़कंप मचा हुआ है। बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों की पकड़ कमजोर हो रही है, और कई शीर्ष नक्सली मारे जा चुके हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में भी यह अभियान जारी रहेगा।
छत्तीसगढ़ में फोर्स के इस निर्णायक अभियान ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास की उम्मीद को फिर से जगाया है।