TSPC के मोस्ट वांटेड एरिया कमांडर विक्रांत गिरफ्तार, रंगदारी और हिंसा की साजिश का खुलासा
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:रांची पुलिस ने टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) संगठन के मोस्ट वांटेड एरिया कमांडर विक्रांत को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। विक्रांत का असली नाम संजीत गिरी उर्फ सजीत दास है। साथ ही संगठन के लिए काम करने वाले मनी कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने विक्रांत के पास से एक देशी पिस्टल, चार जिंदा गोलियां, एक स्कूटी, मोबाइल और अन्य सामान बरामद किया है, जबकि मनी कुमार के पास से एक लैपटॉप, मोबाइल और राउटर समेत कई सामान जब्त किए गए हैं।
रांची के डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने एक प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ओरमांझी थाना क्षेत्र के गुंजा स्थित एक क्रशर प्लांट के आसपास 3-4 उग्रवादियों के घूमने की गुप्त सूचना मिली थी। इन उग्रवादियों के किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में होने की जानकारी पर रुरल एसपी सुमित कुमार के नेतृत्व और सिल्ली डीएसपी अनुज उरांव की देखरेख में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मौके पर धावा बोला और विक्रांत को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में विक्रांत ने कई अहम खुलासे किए। उसने बताया कि वह रांची-रामगढ़ के व्यवसायियों, जमीन कारोबारियों, ईंट-भट्ठा संचालकों और क्रशर प्लांट मालिकों से वॉट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये रंगदारी की मांग करता था। उसका अगला टारगेट गुंजा का क्रशर प्लांट था। विक्रांत ने यह भी स्वीकार किया कि 8 जनवरी को ओरमांझी के गुंजा गांव स्थित एनईपीएल क्रशर प्लांट में एक पोकलेन और एक हाईवा को जलाने, कर्मचारियों के साथ मारपीट और फायरिंग करने की घटना में उसका हाथ था।
विक्रांत के बयान के आधार पर पुलिस ने हजारबाग के विष्णुगढ़ निवासी मनी कुमार को भी गिरफ्तार किया। मनी टीएसपीसी के लिए पर्चे बनाने का काम करता था। विक्रांत के खिलाफ हजारीबाग के केरेडारी थाना में पहले से दो संगीन मामले दर्ज हैं।
इस ऑपरेशन में सिल्ली डीएसपी अनुज उरांव, ओरमांझी थानेदार अनिल कुमार तिवारी, एसआई नितिश कुमार, सतीश कुमार, और सिपाही रघुवंश यादव एवं हरि साव ने अहम भूमिका निभाई। पुलिस अब इस मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच कर रही है।