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विजय टू खदान में आर्थिक नाकेबंदी तीसरे दिन भी जारी, ठंड में ठिठुरते व भूखे रहकर रातभर डटे रहे आंदोलनकारी  

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

 

झारखंड।गुवा में टाटा स्टील की विजय-टू लौह अयस्क खदान में 23 जनवरी की सुबह 5 बजे से झारखण्ड मजदूर यूनियन द्वारा जारी आर्थिक नाकेबंदी 25 जनवरी को निरंतर तीसरे दिन भी जारी है। इस खदान के सैकड़ों मजदूरों ने अपनी 14 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालिन आर्थिक नाकेबंदी करते हुये खदान का उत्पादन व माल ढुलाई को पूरी तरह से ठप किये हुये है। टाटा स्टील प्रबंधन भी तटस्थ नजर आ रही है तथा वह मजदूरों से वार्ता करने अब तक आंदोलन स्थल पर नहीं गई है।

इससे समस्या का समाधान होता नहीं दिख रहा है। पड़ रही ठंड के बीच सैकड़ों मजदूर रात में भूखे व आग के सहारे रात गुजारने पर मजबूर दिखे। मजदूरों ने बताया की खदान सारंडा के घने जंगल में है। हमलोग 23 जनवरी को दोपहर बाद सिर्फ खाना खाये थे। रात में खाना नहीं बनाया गया था। ठंड से बचाव हेतु प्लास्टिक को पेड़ों के सहारे टांग तथा कुछ लकड़ियां जलाकर ठंड में जैसे तैसे रात गुजारे। इन आंदोलनकारी मजदूरों के साथ रातभर पुलिस के पदाधिकारी व जवान भी ठंड में परेशान व ठिठुरते रहे। चारों तरफ से आ रही ठंडी हवाओं से मजदूरों को ठंड लगने का भी खतरा बना हुआ था। इस आंदोलन में साथ दे रही सारंडा की ग्रामीण महिलाओं को सुरक्षा के दृष्टिकोण से 23 जनवरी की देर शाम हीं वापस भेज दिया गया था। आज पुनः ये महिलाएं दिन भर आंदोलन स्थल पर रहेगी। यूनियन के अध्यक्ष दिनबंधु पात्रों ने बताया की तमाम प्रकार का आंदोलन परेशानियों व शोषण-अत्याचार से हीं उत्पन्न होता है।

यह सही है कि रात भर हमारे मजदूर ठंड में ठिठुरते व बिना सोय रहे। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं एवं जीत प्राप्त कर हीं वापस लौटेंगे। उन्होंने कहा कि हम टाटा स्टील का आवश्यक सेवा से जुड़े तमाम चीजों को मुक्त रखा है। लेकिन खदान के सुरक्षा गार्ड को छोड़ किसी को भी खदान के अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है। बिना पहचान पत्र के सुरक्षा गार्ड के अधिकारी को भी खदान में जाने नहीं दिया गया। हम सभी मजदूर संगठित और जोश से भरे हैं। झारखण्ड मजदूर यूनियन ने जो मांगे प्रबंधन पास रखी है उसमे 100 स्थानीय ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को स्थायी रोजगार देना, लंबे समय से कार्यरत स्थानीय मजदूरों का स्थायीकरण करना, मजदूरों को मेडिकल जांच में अनफिट पाये जाने पर कम्पनी-वेंडर द्वारा ईलाज कराके दुबारा काम पर रखना, कम्पनी एवं ठेकादार के अधिन कार्यरत मजदूरों को ई.एस.आई चिकित्सा सुविधा का लाभ देना, सभी ठेका मजदूरों को योग्यतानुसार सही वेतन देना, सभी ठेका मजदूरों को 20 प्रतिशत बोनस एवं डस्ट एलाउंस एक समान मिलना चाहिए, मजदूर की मृत्यु हो जाने पर उसका बेटा या पत्नी को नौकरी देना, कार्यस्थल में दुर्घटना होने पर मेडिकल सुविधा एवं वेतन भुगतान जारी रखना, मजदूर का मृत्यु या सेवानिवृत्त होने पर उनको उचित राशि देना, ठेका मजदूरों को नियुक्ति पत्र देना, कम्पनी और ठेका मजदूरों के लिए कैन्टीन की सुविधा, जब भी ठेकेदार बदली होता है तो 45 से 90 दिन के अन्दर फूल एवं फाइनल राशि का भुगतान होना, 5 साल काम करने पर ग्रेच्युटी मिलना, यदि मजदूर अपने कार्यकाल में गंभीर बिमारी से ग्रसित होता है तो उसके घरवालों को नौकरी देना आदि मांगे शामिल है।

इस अवसर पर झामुमों नेता सह मनोहरपुर पूर्व जिला पार्षद बामिया माझी ने कहा कि झारखंड मजदूर यूनियन

मजदूरों का बर्दाश्त नहीं को लेकर 3 दिन से टाटा स्टील खदान में हुड़का जाम जारी है । जब तक 14 सूत्री मांग पूरी नहीं होगी तब तक हुड़का जाम जारी रहेगा ।झारखण्ड मजदूर यूनियन के कोल्हान प्रमंडल उपाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद मोहंती, जिलाध्यक्ष आशीष कुदादा, उपाध्यक्ष करनेश जेराई, महासचिव राजेन्द्र चाम्पिया, बराईबुरु इकाई के अध्यक्ष दिनबंधू पात्रो, महासचिव दुलाल चाम्पिया, उपाध्यक्ष परमेश्वर बुरमा, पूर्व जीप सदस्य बामिया माझी, मधु सिधु, लखन चाम्पिया, बागी चाम्पिया, सुखराम सिधु, सादो देवगम, कमल बुरमा, आदि के अलावे गुवा व किरीबुरु इकाई के पदाधिकारी तथा सारंडा के विभिन्न गांवों के सैकड़ों ग्रामीण व महिलाएं पारम्परिक हथियारों से लैश मौजूद हैं।

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