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उत्तराखंड में लागू हुआ समान नागरिक संहिता, देश का पहला राज्य बना

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

उत्तराखंड:सोमवार से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दी गई है, जिससे यह ऐतिहासिक कानून लागू करने वाला उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद देश का पहला राज्य बन गया। आज दोपहर 12:30 बजे राज्य सचिवालय में इस कानून का औपचारिक शुभारंभ किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर यूसीसी पोर्टल का भी अनावरण किया गया, जो इस कानून से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को डिजिटल रूप से सरल बनाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता राज्य में धर्म, जाति, लिंग, या समुदाय के आधार पर भेदभाव खत्म कर एक सामंजस्यपूर्ण समाज की नींव रखेगा। उन्होंने कहा, “हमने 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तराखंड के नागरिकों से यूसीसी लागू करने का वादा किया था। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमने अपनी इस प्रतिबद्धता को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया है।” उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने का उदाहरण देते हुए इसे केंद्र सरकार की इच्छाशक्ति का प्रतीक बताया।

क्या है समान नागरिक संहिता?

समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत राज्य में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, संपत्ति का बंटवारा, बच्चा गोद लेने और लिव-इन रिलेशनशिप जैसे मामलों में एक समान कानून लागू होगा। इसका उद्देश्य किसी भी धर्म, जाति, या समुदाय के आधार पर अलग-अलग कानूनों को समाप्त करना है।

 

इस कानून के अनुसार, राज्य में रहने वाले या राज्य से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों पर यह कानून लागू होगा। विवाह के साथ-साथ लिव-इन में रहने वाले कपल्स को भी अपने संबंधों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।

गोवा और उत्तराखंड में अंतर

हालांकि गोवा में पुर्तगाली सिविल कोड पहले से लागू है, लेकिन वह भारतीय संविधान के तहत नहीं आता है। वहीं, उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बना है।

 

मुख्यमंत्री ने इसे राज्य के विकास और सामाजिक समरसता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। इस ऐतिहासिक निर्णय को राज्य और देशभर में व्यापक सराहना मिल रही है।

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