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_पिता का बदला बच्चों से, मारने से पहले आरोपी ने कहा- ‘इस सजा से वो जिंदगी भर पछताएगा…’_*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

जोधपुर : व्यापार में पार्टनर के साथ छोड़ने से हुए नुकसान का बदला लेने के लिए 70 साल के श्याम सिंह भाटी ने मासूम बच्चों को मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. डीसीपी राजर्षी राज वर्मा ने बताया कि आरोपी हत्या के बाद जोधपुर से भाग गया था. रविवार रात को उसे राजसमंद नाथद्वारा से दस्तयाब कर जोधपुर लाया गया है. उसने बच्चों के पिता के व्यापार में साथ छोड़ने का बदला लेने के लिए बच्चों की हत्या की है.

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि हत्या करने से पहले जब बच्चों ने पूछा कि ‘दादाजी हमें क्यों मार रहे हो’, तब आरोपी ने कहा कि अगर तुम्हारे मां बाप को सजा दूंगा तो तुम अनाथ हो जाओगे. अब ये सजा तुम्हारे मां-बाप जिंदगी भर याद रखेंगे. डीसीपी ने बताया कि पुलिस भी उस वक्त अचरज में पड़ गई जब उसने कहा कि वह श्याम सिंह नहीं है. उसका नाम तो मुकुंद थानवी है. वह फलोदी का ही रहने वाला है. पुलिस ने जब उसकी पड़ताल की तो सामने आया है कि उसने लंबे समय पहले ही उसने समाज से बहिष्कृत होने पर अपनी पहचान बदल ली थी. मुकुंद थानवी की जगह श्याम सिंह भाटी के नाम से ही आधार, पैन कार्ड बना लिए और रहने लगा. इन्हीं दस्तावेजों की सहायता से उसने फैक्ट्री भी शुरू कर ली थी. उसके पार्टनर को भी उसके असली नाम का पता नहीं था.

24 जनवरी को स्कूल ले जाने के लिए लेकर गया : थानाधिकारी शकील अहमद ने बताया कि बच्चों के पिता प्रदीप पाल ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस को बताया कि 24 जनवरी को बच्चे सुबह जब स्कूल जा रहे थे तब श्याम सिंह दोनों को अपनी बाइक पर बैठा कर ले गया. परिजनों से कहा कि स्कूल छोड़ दूंगा, लेकिन वापस नहीं आया. उसने स्कूल बस ड्राइवर से कहा कि बच्चे आज नहीं आएंगे. इसके बाद प्रदीप ने उससे सम्पर्क किया, लेकिन बात नहीं हुई.

 

पूरे इलाके में लोग दाता के नाम से जानते थे : पुलिस ने बताया कि श्याम सिंह उर्फ मुकुंद थानवी वर्षों से इसी क्षेत्र में रह रहा था. करीब 15 साल पहले जब प्रदीप पाल उत्तर प्रदेश से जोधपुर आया तो उसने ही उसे सहारा दिया और उसे काम पर लगाया. उसके घर में भी उसका आना जाना था. दोनों बच्चे उसे दादाजी ही कहते थे. एक साल पहले जब थानवी ने खुद की चूड़ी की फैक्ट्री लगाई तो दोनों साथ काम करने लगे, लेकिन करीब 20 दिन पहले दोनों की बहस हुई. इसपर प्रदीप दूसरी फैक्ट्री में चला गया तो इससे श्याम सिंह को नुकसान हुआ. यह बात उसे अखर गई.

नोट में आत्महत्या करने की लिखी बात: पुलिस की जांच में सामने आया है कि शुक्रवार सुबह बच्चों को श्याम सिंह अपने घर लेकर गया, जहां उसने 12 साल की बालिका के सिर पर वार किया, जिससे संभवतः वह बेहोश हो गई. इसी हालत में उसने फंदा लगाया, जबकि बालक की हत्या कर उसे लटकाया. इसके बाद ताला लगाकर वहां से भाग गया. जहां बच्चों के शव को लटकाया वहां पर उसने सुसाइड नोट लिखा कि अब वह भी आत्महत्या करने जा रहा है, जिससे पुलिस उलझी रहे.

परिजन 24 घंटे बाद पहुंचे थाने : प्रदीप पाल के बच्चे जब घर नहीं लौटे तो उसने श्याम सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पाया. हार कर वह फिर 25 जनवरी की रात को थाने पहुंचा. पुलिस को बताया कि उसके बच्चों का अपहरण हो गया है. पुलिस ने उसके साथ तलाश शुरू की और नामजद श्याम सिंह का पता लगाने के लिए भी टीम बनाई. 26 की सुबह पुलिस परिजनों के साथ श्याम सिंह के घर गई. यहां घर का और बाद में कमरे का ताला तोड़ा तो सामने दोनों बच्चों के शव लटके थे.

 

पाली से भागा राजसमंद की और टीम लगी पीछे : रविवार को पुलिस की टीमें श्याम सिंह की तलाश में निकली. पहले फलोदी की तरफ पता किया, लेकिन वहां कोई जानकारी नहीं मिली. इस दौरान पुलिस को उसके पाली में होने की जानकारी मिली तो एक टीम उसके पीछे लगाई गई, जिसने रविवार रात को श्याम सिंह उर्फ मुकुंद थानवी की दस्तयाब कर लिया. पुलिस ने बताया की हत्या का आरोपी श्याम सिंह भाटी उर्फ मुकुंद थानवी लंबे अरसे से अकेला खानाबदोश की तरह इस इलाके में रह रहा है. वह लोगों को यही बताता रहा है कि उसका कोई परिवार नहीं है, लेकिन जब उसे पुलिस ने पकड़ा तो उसके नाम की सच्चाई सामने आई. पूछताछ में उसने यह भी कबूला कि उसका पूरा परिवार है. उसके बेटे पोते सब हैं. वह उनसे बरसों पहले अलग होकर रहने लग गया था.

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