महाकुंभ 2025 भगदड़: जनहित याचिका दायर, उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब और कार्रवाई की मांग
न्यूज़ लहर संवाददाता
प्रयागराज: महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या के अवसर पर 29 जनवरी को हुई भगदड़ की घटना को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार से इस घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मांग की गई है।
जनहित याचिका में क्या मांगें की गई हैं?
प्रयागराज के एक वकील द्वारा दायर इस जनहित याचिका में महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में वीआईपी मूवमेंट के कारण आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्रभावित न हो, इस पर विशेष ध्यान देने की अपील की गई है। याचिका में निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी गई हैं:
श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अधिकतम स्थान उपलब्ध कराया जाए।
भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी नीतियां और नियम बनाए जाएं।
राज्य सरकार इस घटना पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करे और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे।
क्या है पूरी घटना?
29 जनवरी 2025 को प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के समय भारी भीड़ उमड़ पड़ी। अव्यवस्थित भीड़ नियंत्रण के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें दर्जनों श्रद्धालुओं की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग
याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार से घटना की विस्तृत जांच कर उच्च न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने और इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई है। साथ ही, भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष नियमावली लागू करने पर भी जोर दिया गया है।
इस जनहित याचिका पर हाईकोर्ट जल्द सुनवाई कर सकता है, जिससे सरकार पर जवाबदेही तय करने का दबाव बढ़ सकता है।