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विभिन्न मांगों को लेकर गुवा जनरल ऑफिस में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ, ठेका मजदूर एवं ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

 

झारखंड।गुवा में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने अपने विभिन्न मांगों को ले गुवा सेल के जनरल ऑफिस समक्ष प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के बैनर तले ठेका मजदूर, विभिन्न गांव के बेरोजगार युवक तथा सेल कर्मियों ने शाम 4:00 से लेकर 5:00 तक एक घंटा तक आंदोलन किया। उसके बाद सेल प्रबंधन ने मजदूरों के साथ बैठक कर मजदूरों की मांगों पर 15 दिनों का समय मांगा है। इस पर यूनियन ने कहा कि अगर सेल प्रबंधन 15 दिनों के अंदर हमारी मांगों पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती है तो 15 दिनों के बाद गुवा सेल खदान का चक्का जाम कर दी जाएगी। साथ ही डिस्पैच को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा।

इस दौरान सेल प्रबंधन के साथ हुई बैठक में वार्ता को लेकर झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडे ने कहा कि गुवा सेल प्रबंधन 15 दिनों का समय की मांग की गई है अगर सेल प्रबंधन 15 दिनों के बाद हमारी मांगों को अनदेखा करती है तो 15 दिनों के बाद सेल खदान में चक्का जाम कर दिया जाएगा। हमारी मांग है कि बाहर से आए लोगों की बहाली हो रहा गुवा सेल में उसे भगाया जाए, गुवा के तमाम विभागों में मैन पावर की भारी समस्या को दूर करने हेतु खदान से प्रभावित क्षेत्रों व सारंडा के शिक्षित बेरोजगारों को किरीबुरु नियोजन कार्यालय से नियुक्ति करने,

लगभग 500 स्थानीय बेरोजगारों को अलग से बतौर सप्लाई मजदूर रोजगार देने, गुवा अस्पताल में तमाम रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सकों व चिकित्सीय जांच की सुविधा बहाल करने, डीएवी एवं इस्को विद्यालय में बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते हुये अतिरिक्त भवन व शिक्षको की समस्या दूर करने, गुवा में पिलेट प्लांट स्थापित कर रोजगार का सृजन करने, सेलकर्मियों का आवास व टाउनशिप का सौन्दर्यीकरण, 20 फीसदी बोनस, बकाया एरियर का भुगतान, नोवामुण्डी कौलेज पढ़ने जाने हेतु छात्र-छात्राओं के लिये बस सुविधा, समान कार्य का समान वेतन,

उत्पादन को बढा़ने हेतु नयी मशीनों की व्यवस्था, पुरानी व जर्जर वाहनों की जगह नयी वाहनें, शुद्ध पेयजल, टाउनशिप की सड़कें का निर्माण आदि कराय जाये।

इस दौरान मजदूर नेता रामा पांडे, अंतर्यामी महाकुड़, राजेश यादव, संजू गोच्छाईत, सिकंदर पान, चंद्रिका खण्डाईत, मनोज मुखर्जी, राजकुमार झा सहित काफी संख्या में मजदूर एवं बेरोजगार ग्रामीण मौजूद थे।

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