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लातेहार में पुलिस के अभियान से कमजोर हुआ उग्रवाद, दो नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:लातेहार पुलिस के सतत अभियान और झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति “नई दिशा” से प्रभावित होकर प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जे०जे०एम०पी० के दो सक्रिय सदस्यों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। लातेहार पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव और समादेष्टा 11 बटालियन यादराम बुनकर की उपस्थिति में पप्पू साव (32 वर्ष) और चंदन प्रसाद (30 वर्ष) ने आत्मसमर्पण किया।

पुलिस के अभियान से कमजोर हुआ उग्रवादी संगठन

 

पिछले पांच महीनों में लातेहार पुलिस ने जे०जे०एम०पी० संगठन को भारी नुकसान पहुँचाया है। इस दौरान संगठन के कई शीर्ष कमांडरों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, जिनमें शामिल हैं:

 

सब जोनल कमांडर शिवराज सिंह (₹5 लाख इनामी)

 

एरिया कमांडर जितेंद्र सिंह (₹2 लाख इनामी)

 

एरिया कमांडर खुर्शीद अंसारी

 

माओवादी चंद्रदेव सिंह और पुरन परहिया (प्रतिबंधित हथियारों और गोलियों के साथ गिरफ्तार)

 

लगातार अभियानों से परेशान होकर और संगठन में आंतरिक कलह के कारण 15 लाख के इनामी माओवादी नेता RCM छोटू खेरवार उर्फ छोटू जी की हत्या भी संगठन के भीतर ही कर दी गई।

 

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली और उनका आपराधिक इतिहास

 

1. पप्पू साव (32 वर्ष), पिता – रामचंद्र साव, निवासी – होसिर, थाना – छिपादोहर, जिला – लातेहार

 

आपराधिक मामले:

 

बालुमाथ थाना कांड सं. 217/2018 – हत्या के प्रयास, फिरौती, हथियार कानून और UAPA के तहत मामला

 

बालुमाथ थाना कांड सं. 220/2018 – आर्म्स एक्ट और CLA एक्ट के तहत मामला

 

छिपादोहर थाना कांड सं. 08/2018 – संगठित अपराध, मारपीट, और CLA एक्ट के तहत मामला

 

छिपादोहर थाना कांड सं. 04/2024 – अवैध हथियार रखने और CLA एक्ट के तहत मामला

 

 

2. चंदन प्रसाद (30 वर्ष), पिता – गोपाल साव, निवासी – होसिर, थाना – छिपादोहर, जिला – लातेहार

 

आपराधिक मामले:

 

छिपादोहर थाना कांड सं. 04/2024 – अवैध हथियार रखने और CLA एक्ट के तहत मामला

 

 

नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा

 

लातेहार पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा और जो भी सरकार की आत्मसमर्पण नीति “नई दिशा” के तहत हथियार डालना चाहते हैं, उन्हें पूरा सहयोग दिया जाएगा। पुलिस और सुरक्षाबलों की संयुक्त कार्रवाई से उग्रवादी संगठनों का प्रभाव लगातार कमजोर हो रहा है।

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