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महाकुंभ में बिछड़ीं, 10 दिनों में 520 किमी पैदल चलकर घर लौटीं जमशेदपुर की कांति देवी

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड : महाकुंभ में संगम में स्नान के बाद अपने जत्थे से बिछड़ने वाली 70 वर्षीय कांति देवी ने असाधारण साहस और हिम्मत का परिचय देते हुए 520 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर अपने घर जमशेदपुर पहुंच गईं। उनकी इस अद्भुत यात्रा की हर ओर सराहना हो रही है।

महाकुंभ में जत्थे से बिछड़ीं कांति देवी

 

कांति देवी ने बताया कि वे महाकुंभ में संगम में डुबकी लगाने गई थीं, लेकिन वहां से लौटते समय वे अपने जत्थे से बिछड़ गईं। उनके पास कोई साधन नहीं था, न ही फोन से किसी से संपर्क कर पाना संभव था। ऐसे में उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और पैदल ही जमशेदपुर के लिए निकल पड़ीं।

 

10 दिनों में तय किया 520 किलोमीटर का सफर

 

बिछड़ने के बाद कांति देवी ने लगभग 520 किलोमीटर की यात्रा पूरी तरह से पैदल तय की। रास्ते में कई चुनौतियाँ आईं, लेकिन उन्होंने धैर्य और आत्मविश्वास के साथ सफर जारी रखा। आखिरकार, 10 दिनों की कठिन यात्रा के बाद वे अपने घर जमशेदपुर पहुंच गईं।

 

परिवार को नहीं था कोई सुराग

 

कांति देवी के परिवारवालों ने बताया कि वे उनकी खोजबीन में लगे हुए थे। वे प्रयागराज और पुरी तक गए, लेकिन उनका कोई पता नहीं चल पाया। परिवार में सभी लोग बेहद चिंतित थे, लेकिन जब कांति देवी घर पहुंचीं, तो सभी ने राहत की सांस ली।

परिवार को अपनी मां पर गर्व

 

कांति देवी के साहसिक सफर की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है। उनके परिवार ने कहा कि वे अपनी मां के इस हिम्मत और आत्मनिर्भरता पर गर्व महसूस कर रहे हैं। उनकी इस कहानी से लोगों को धैर्य और आत्मविश्वास बनाए रखने की प्रेरणा मिल रही है।

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