गांवों में सरकारी योजनाओं की स्थिति का जायजा: पूर्वी सिंहभूम में पदाधिकारियों का प्रखंड स्तरीय निरीक्षण
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न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार पूर्वी सिंहभूम के सभी 11 प्रखंडों में नोडल पदाधिकारियों द्वारा पंचायत स्तरीय निरीक्षण किया गया। इस साप्ताहिक निरीक्षण का उद्देश्य सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का मूल्यांकन करना और ग्रामीणों को अधिकाधिक लाभ पहुंचाना था।
निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायत भवनों, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकानों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों, मनरेगा योजनाओं और विद्यालयों की स्थिति का जायजा लिया गया।
इस क्रम में विभिन्न पदाधिकारियों को अलग-अलग प्रखंडों की जिम्मेदारी दी गई। परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपांकर चौधरी ने घाटशिला,
अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) धालभूम शताब्दी मजुमदार ने बोड़ाम, अनुमंडल पदाधिकारी घाटशिला ने चाकुलिया के मटियाबांधी पंचायत, अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद ने पटमदा के बागुड़दा पंचायत,
निदेशक एनईपी संतोष गर्ग ने गुड़ाबांदा के भाल्की पंचायत, विशिष्ट अनुमंडल पदाधिकारी ने धालभूमगढ़, डीसीएलआर ने बहरागोड़ा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी सलमान जफर खिजरी ने डुमरिया,
जिला परिवहन पदाधिकारी ने जमशेदपुर और जुगसलाई नगर परिषद, जिला नियोजन पदाधिकारी ने मुसाबनी तथा कार्यपालक दंडाधिकारी चंद्रजीत सिंह ने पोटका के जामुंडी पंचायत का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान पदाधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत कर सरकारी योजनाओं के लाभ, सेवाओं की गुणवत्ता और योजनाओं की जमीनी हकीकत को समझने का प्रयास किया। उपायुक्त अनन्य मित्तल ने कहा कि गांवों और पंचायतों में स्वास्थ्य,
शिक्षा, रोजगार और पोषण से जुड़ी सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जिला प्रशासन संवेदनशील प्रयास कर रहा है। उन्होंने निर्देश दिया कि कर्मचारी एवं कर्मी क्षेत्र में रहकर योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने का कार्य करें, ताकि हर जरूरतमंद व्यक्ति को इन योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके।
यह निरीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि सरकारी योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन हो रहा है या नहीं। जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में ऐसे निरीक्षण नियमित रूप से किए जाएंगे, ताकि सरकारी सुविधाएं अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सकें और प्रशासनिक व्यवस्था अधिक प्रभावी बन सके।