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चाईबासा में आयोजित तसर रेशम आधारित क्षेत्रीय कार्यशाला, तसर खेती को बढ़ावा देने की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम* 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय स्थित तसर रेशम परिसर में उद्योग विभाग, हस्तकरघा, रेशम एवं हस्तशिल्प निदेशालय-झारखंड के तत्वावधान में लुगम चासी (तसर खेती) आधारित एक दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन झारखंड सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और परिवहन विभाग के मंत्री दीपक बिरुआ, सिंहभूम सांसद जोबा माझी, सिंहभूम प्रमंडलीय आयुक्त हरि कुमार केसरी, जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त कुलदीप चौधरी, चाईबासा जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन, उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा, तथा अन्य प्रमुख अतिथियों ने किया।

कार्यशाला में तसर रेशम की खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। अतिथियों द्वारा तसर खेती में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया गया और तसर रेशम कीटपालन पर आधारित पुस्तक

“तसर रेशम कीटपालन बुगिन ऐनेतो रेया होरा चिनाः बु चिकाया चिनाः” का विमोचन भी किया गया। इसके साथ ही परिसर में स्थित कोकुन बैंक का अवलोकन किया गया और विभिन्न स्टालों का फीता काटकर उद्घाटन किया गया।

सिंहभूम सांसद जोबा माझी ने इस अवसर पर कहा कि तसर रेशम उत्पादन कोल्हान क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण वन आधारित उत्पाद है, जो बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार तसर किसानों को तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन प्रदान कर उनकी आय में वृद्धि करने के लिए लगातार प्रयासरत है।

प्रमंडलीय आयुक्त हरि कुमार केसरी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि तसर खेती कोल्हान क्षेत्र के 55,000 से 60,000 परिवारों के लिए एक प्रमुख आय का स्रोत बन चुका है।

उन्होंने इस परंपरागत खेती को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया और युवाओं को तसर रेशम के उत्पादन में वैल्यू ऐडिशन करने के लिए प्रेरित किया, जैसे कि कुकन के अलावा धागा निकालने और वस्त्र उत्पादन में भी अपना योगदान देने के लिए।

 

इस कार्यशाला ने तसर खेती को लेकर किसानों को नई तकनीकियों और विधियों से अवगत कराया और इस क्षेत्र के समृद्ध भविष्य के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

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