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झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के 90 दिवसीय डोर टू डोर जागरूकता अभियान के तहत महिलाओं को विधिक सहायता एवं अधिकारों की जानकारी प्रदान* 

 

झारखंड:चाईबासा में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा द्वारा आयोजित 90 दिवसीय डोर टू डोर जागरूकता अभियान के तहत आज, 17 फरवरी 2025 को किरीबुरू प्रखंड के प्रोस्पेक्टिंग क्षेत्र में महिलाओं के बीच विधिक जानकारी को लेकर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में स्थानीय महिलाओं ने अत्यधिक उत्साह और भागीदारी दिखाई, और कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना अहम योगदान दिया।

कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों, कानूनी सहायता और विभिन्न विधिक मुद्दों के बारे में जागरूक करना था। इस कार्यक्रम का आयोजन प्रमुख अधिकार मित्र अनिता साहनी और विनीता सांडिल द्वारा किया गया, जिन्होंने महिलाओं को विभिन्न कानूनी मुद्दों पर विस्तार से जानकारी दी।

 

कार्यक्रम में निम्नलिखित प्रमुख विधिक विषयों पर चर्चा की गई:

 

1. *निशुल्क कानूनी सहायता -* महिलाओं को कानूनी सहायता प्राप्त करने के अधिकार के बारे में बताया गया।

 

2. *बाल विवाह -* बाल विवाह के खिलाफ कानूनी प्रावधान और इसे रोकने के उपायों पर चर्चा की गई।

 

 

3. *पोक्सो ऐक्ट -* बच्चों के खिलाफ यौन शोषण के मामलों में लागू पोक्सो ऐक्ट के बारे में जानकारी दी गई।

 

 

4. *घरेलू हिंसा -* महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा प्राप्त करने के उपाय बताए गए।

 

 

5. *डायन प्रथा -* डायन प्रथा जैसे कुरीतियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के बारे में बताया गया।

 

6. *लोक अदालत -* विवादों का निपटारा लोक अदालत के माध्यम से कैसे किया जा सकता है, इसकी जानकारी दी गई।

 

 

7. *बाल मजदूरी -* बाल मजदूरी के खिलाफ कानूनों और महिलाओं को जागरूक किया गया।

 

 

8. *रोड एक्सीडेंट* – सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में कानूनी अधिकारों और मुआवजे के बारे में बताया गया।

 

 

9. *मध्यस्था* – विवादों का समाधान मध्यस्थता के द्वारा कैसे किया जा सकता है, इस पर चर्चा की गई।

 

 

10. *स्पॉन्सरशिप* – बच्चों के लिए कानूनी अभिभावक नियुक्ति और स्पॉन्सरशिप के बारे में जानकारी दी गई।

 

 

 

इस कार्यक्रम में महिला सहभागियों ने न केवल विधिक ज्ञान को आत्मसात किया, बल्कि उन्हें यह भी बताया गया कि किसी भी विधिक समस्या के समाधान के लिए वे किस प्रकार स्थानीय विधिक सेवा प्राधिकरण से मदद प्राप्त कर सकती हैं।

 

अधिकार मित्र अनिता साहनी और विनीता सांडिल ने कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को यह विश्वास दिलाया कि उन्हें कभी भी अपने अधिकारों से समझौता नहीं करना चाहिए और विधिक सहायता की आवश्यकता होने पर वे कभी भी कानूनी मदद ले सकती हैं।

 

यह कार्यक्रम महिलाओं के बीच विधिक जागरूकता फैलाने और उनके कानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

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