शिक्षा जागरुकता हेतु पश्चिमी सिंहभूम में पंचायत मुखिया सम्मेलन का आयोजन, गुणवत्ता सुधार पर जोर*
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न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड : पश्चिमी सिंहभूम जिला में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा पंचायत मुखिया सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन जिले के कोल्हान विश्वविद्यालय के सभागार में हुआ, जिसमें सभी पंचायतों के मुखिया और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाना और सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना था। सम्मेलन के दौरान विभिन्न पंचायतों के मुखिया ने अपने-अपने क्षेत्रों में शिक्षा से संबंधित समस्याओं को उठाया और सुझाव दिए। वे सभी जिला शिक्षा अधीक्षक के साथ मिलकर शिक्षा में सुधार हेतु पहल करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में विशेष रूप से जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरीन ने सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए जरूरी सुविधाओं की कमी पर प्रकाश डाला और सुधार की आवश्यकता की बात की। उन्होंने कहा कि, “हमारी प्राथमिकता बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की होनी चाहिए और इसके लिए सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए।”
जिला शिक्षा अधीक्षक प्रवीण कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की कि वे विद्यालयों का नियमित अनुश्रवण करें और सभी बैठकों में भाग लें। उन्होंने यह भी कहा कि पंचायतों के प्रतिनिधि विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं की कमी को चिन्हित करें ताकि इन्हें जल्दी से ठीक किया जा सके। उन्होंने शत-प्रतिशत नामांकन और ठहराव सुनिश्चित करने के साथ-साथ गुणवत्ता शिक्षा में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।
इसके अलावा, प्रवीण कुमार ने यह भी सुझाव दिया कि जहां शिक्षकों की कमी है, वहां ग्राम शिक्षा समिति के सहयोग से पठन-पाठन कराया जाए। यह कदम विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है जहां शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं।
सम्मेलन के दौरान सभी जनप्रतिनिधियों ने अफीम की खेती को न करने का संकल्प लिया और उनके क्षेत्र से शून्य ड्रॉप आउट की स्थिति बनाए रखने की शपथ भी ली। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में स्थिरता और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना गया।
कार्यक्रम में मुखिया संघ के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी मनोहरपुर, विभिन्न प्रखंडों के शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी, सी3 के जिला प्रतिनिधि और परियोजना कार्यालय के कर्मी भी उपस्थित थे।
इस सम्मेलन ने शिक्षा सुधार के लिए एक मंच तैयार किया, जहां पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच मिलकर विकास और सुधार के विभिन्न रास्तों पर चर्चा की गई। अब देखना यह होगा कि इन प्रयासों से जिले में शिक्षा का स्तर किस प्रकार बेहतर होता है।