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झारखंड कांग्रेस के मंत्री व विधायकों को हर महीने करना होगा ये काम, प्रदेश प्रभारी ने जारी कर दिया फरमान, कैलेंडर के मुताबिक*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

*रांची :* झारखण्ड के नये प्रभारी के आते ही झारखंड में कांग्रेस के तेवर बदलने वाले हैं। नये प्रभारी ने विधायक और मंत्रियों के लिए टारगेट फिक्स कर दिया है। विधायक दल की पहली ही बैठक में प्रदेश प्रभारी के राजू ने मंत्रियों और विधायकों को पार्टी को मजबूत करने के लिए अभी से ही रूट मैप तैयार करने का निर्देश दे दिया।

प्रदेश प्रभारी के. राजू ने कहा कि सभी विधायकों और मंत्रियों को दिए टास्क का एक साल का कैलेंडर जारी कर दिया जाएगा पूरे एक साल का रुट मैप प्रदेश प्रभारी ने कांग्रेस पार्टी को दिया है। कांग्रेस के 12 विधायकों के जिम्मे दो-दो जिलों में संगठन को मजबूत बनाने के दायित्व दिया गया है।

बैठक में तय किया गया है कि विधायक दल नेता अगले वर्ष 1 वर्ष का कैलेंडर तैयार करेंगे कि किस महीने में किस विधायक के निर्वाचन क्षेत्र में बैठक होगी. बैठक के बाद सभी विधायक संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन करेंगे और बैठक में जो मुद्दे चर्चा में आएंगे उस पर बात करेंगे।

 

ये विधायक तय शेड्यूल पर हर महीने वहां के जिलाध्यक्षों और कार्यकर्ताओं संग मीटिंग करेंगे और संगठन स्तर पर समन्वय मजबूत करेंगे। वहीं प्रभारी ने कांग्रेस कोटे से हेमंत सरकार में शामिल चार मंत्रियों को भी पांच प्रमंडलों की जिम्मेवारी सौंपी है।

 

कांग्रेस कोटे के मंत्री महीने-दो महीने में प्रमंडल में जाकर, उस प्रमंडल के अंतर्गत आनेवाले सभी जिलों के जिलाध्यक्ष, पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे और जनसमस्याओं के समाधान का प्रयास करेंगे।बैठक में जिले से संबंधित मुद्दों, संगठन के संबंध में आम लोगों के मुद्दे पर वह चर्चा करेंगे।

 

 

 

मंत्री व विधायक कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के मुद्दों को सुनेंगे, ताकि उन्हें सरकार तक पहुंचाया जा सके और समस्याओं का निदान कराया जा सके। दरअसल ये पहल इसलिए की गयी है कि कांग्रेस के अंदर हमेशा ये शिकायत रही है कि मंत्री व विधायक कार्यकर्ताओं की बातों को सुनते ही नहीं है। ऐसे में पार्टी के अंदर असंतोष बढ़ता जाता है और फिर चुनाव आते-आते स्थिति विस्फोटक बन जाती है।

 

लिहाजा विधायकों की बैठक प्रत्येक महीने विधायक दल नेता की उपस्थिति में करने का फैसला लिया गया है। ताकि ग्राउंड स्तर की बातों से संगठन के सभी लोग अवगत हो सके और आपसी समन्वय भी बरकरार रहे।

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