मारवाड़ी महिला समिति की सचिव निशा ने 47 वर्ष की आयु में 99वीं बार किया रक्तदान, इंसानियत धर्म निभाने की की अपील*

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड।चाईबासा में मारवाड़ी महिला समिति की सचिव निशा ने आज 47 वर्ष की आयु में अपना 99वां रक्तदान कर एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया। निशा ने इस नेक कार्य के जरिए न केवल इंसानियत धर्म को निभाया, बल्कि समाज में महिलाओं की भूमिका को भी पुनः परिभाषित किया। उनके रक्तदान का यह सिलसिला उनकी शादी से पहले ही शुरू हो गया था, जब उनके भाई को रक्त की जरूरत पड़ी थी, और उस समय रक्त की कमी महसूस हुई। तब से उन्होंने यह प्रण लिया था कि हर तीन माह बाद वह रक्तदान करेंगी, ताकि किसी जरूरतमंद को उनका रक्त मिल सके और किसी की जान बच सके।
इस अवसर पर निशा ने कहा, “रक्तदान करना मेरे लिए सिर्फ एक कार्य नहीं, बल्कि एक सामाजिक धर्म है। मुझे यह बहुत अच्छा लगता है कि मैं किसी के जीवन में मदद कर पा रही हूं। मेरा यह उद्देश्य है कि मेरी तरह और महिलाएं भी रक्तदान करें। लोग आमतौर पर महिलाओं को केवल बच्चे जन्म देने की प्रक्रिया से जोड़ते हैं, लेकिन हम महिलाओं में भी इतनी शक्ति है कि हम किसी की जान बचा सकती हैं। रक्तदान में कोई बुराई नहीं, यह एक ऐसा कार्य है जिससे हम समाज में एक सशक्त बदलाव ला सकते हैं।”
निशा ने यह भी कहा कि रक्त का कोई विकल्प नहीं है, और यही एक ऐसी प्राकृतिक व्यवस्था है, जो हमें एक इंसान को दूसरे इंसान से जोड़ने का अवसर देती है। इससे जाति, धर्म, और समुदाय के भेदभाव से ऊपर उठकर हम एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं। रक्तदान से उन्हें न केवल मानसिक संतुष्टि मिलती है, बल्कि शारीरिक रूप से भी उन्हें किसी प्रकार की कमजोरी का एहसास नहीं होता। रक्तदान करने के बाद उन्हें हमेशा एक नई ताजगी महसूस होती है।
आज, जब उन्हें यह सूचना मिली कि एक छोटे बच्चे को रक्त की जरूरत है, तो उन्होंने तुरंत चाईबासा के सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में आकर अपना रक्तदान किया। इस अवसर पर मारवाड़ी महिला समिति की अध्यक्ष चंचल सराफ भी मौजूद थीं, जिन्होंने इस नेक कार्य की सराहना की।
निशा के इस योगदान ने न केवल रक्तदान के महत्व को उजागर किया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि हम सभी को अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझते हुए मानवता की सेवा में आगे आना चाहिए।