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UPI ट्रांजेक्शन पर लगेगा चार्ज, कैशलेस इकोनॉमी पर पड़ेगा असर

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

नई दिल्ली: डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के बीच अब यूपीआई (UPI) से पैसे ट्रांसफर करना मुफ्त नहीं रहेगा। यूपीआई एग्रीगेटर कंपनियां ग्राहकों से 0.50% से 1.00% तक का शुल्क वसूल सकती हैं।

गूगल पे ने इस बदलाव की शुरुआत कर दी है। हालांकि, फिलहाल यूपीआई से पैसे ट्रांसफर करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जा रहा है, लेकिन ऐप के जरिए किसी भी बिल का भुगतान करने पर शुल्क लगना शुरू हो गया है। अन्य पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियां भी जल्द ही इस शुल्क को लागू कर सकती हैं।

भारत सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन हाल ही में पेश बजट में यूपीआई सब्सिडी को 2000 करोड़ रुपये से घटाकर 437 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे पहले ही यह आशंका जताई जा रही थी कि यूपीआई ट्रांजेक्शन पर शुल्क लग सकता है।

यह फैसला उन करोड़ों लोगों को प्रभावित करेगा जो रोजमर्रा के भुगतान के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं। पहले जहां बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के पेमेंट किया जाता था, अब ग्राहकों को 0.50% से 1.00% तक की अतिरिक्त राशि चुकानी होगी। इससे डिजिटल लेन-देन और कैशलेस इकोनॉमी पर असर पड़ सकता है।

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