_लाइव टीवी शो में मनुस्मृति के पेज फाड़ने वाली राजद प्रवक्ता को राहत देने से इंकार, प्राथमिकी रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज_*
न्यूज़ लहर संवाददाता
प्रयागराज: लाइव टीवी शो के दौरान मनुस्मृति के पेज फाड़ने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल की प्रवक्ता प्रियंका भारती को राहत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है. प्रियंका भारती की याचिका पर न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति अनीश गुप्ता की खंडपीठ ने सुनवाई की.
याची के खिलाफ एक टीवी डिबेट शो के दौरान मनुस्मृति के कुछ पेज फाड़ने को लेकर बीएनएस की धारा 299 के तहत प्राथमिक की दर्ज कराई गई है. प्राथमिक की रद्द करने की मांग को लेकर उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. याची का कहना था कि उनका कार्य किसी वर्ग विशेष की भावनाओं को आहत करने के इरादे से नहीं था और उनके इस कार्य से कानून व्यवस्था की कोई समस्या पैदा नहीं हुई.
यह कार्य लापरवाही से बिना इरादे के किया गया है जो की धारा 299 के दायरे में नहीं आता है. हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्णित कई मामलों का हवाला देकर के कहा कि प्रभावशाली लोगों, राजनेता या मीडिया के लोगों द्वारा कही गई बातों की आम लोगों की अपेक्षा ज्यादा विश्वसनीयता और प्रभाव होता है. इसलिए इनके द्वारा दिए गए भाषण या कार्य भड़काऊ और घृणास्पद नहीं होने चाहिए. प्रभावशाली लोगों से अपेक्षा की जाती है कि अपने शब्दों और कार्यों को लेकर ज्यादा सचेत रहेंगे.
कोर्ट ने कहा कि एक धर्म विशेष के पवित्र धार्मिक ग्रंथ मनुस्मृति के पन्ने फाड़ना प्रथम दृष्टिया दूषित और जानबूझकर किया गया गैर कानूनी कार्य है. कोर्ट ने कहा कि हम इस बात को नजर अंदाज नहीं कर सकते हैं कि याची उच्च शिक्षित व्यक्ति है और एक राजनीतिक दल के प्रवक्ता की हैसियत से टीवी शो में भाग ले रही थी. इसलिए वह यह नहीं कह सकती कि उसने लापरवाही से यह कार्य किया है. कोर्ट ने याचिक खारिज कर दी.