बैठक में उरांव समाज ने की खद्दी फग्गू त्योहार की तैयारियों पर चर्चा, पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाने का आह्वान*

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: आज रविवार को चाईबासा के पुलहातु समुदाय भवन में उरांव समाज के द्वारा एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उरांव समुदाय के महान पारंपरिक त्योहार खद्दी फग्गू के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक की अध्यक्षता आदिवासी उरांव समाज संघ के अध्यक्ष संचू तिर्की ने की। बैठक में सामूहिक रूप से उरांव समुदाय के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे, और उन्होंने आगामी खद्दी फग्गू उत्सव के लिए तैयारियों पर विचार-विमर्श किया।
बैठक का मुख्य विषय उरांव समुदाय के इस पारंपरिक त्योहार खद्दी फग्गू को सही रीति-रिवाजों के साथ मनाने के लिए एकजुट होकर योजना बनाना था। इस अवसर पर, संचू तिर्की ने खद्दी फग्गू के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह हमारा एक महान पारंपरिक और प्राकृतिक त्योहार है, जिसमें हम साल वृक्ष से प्राप्त नए फल, फूल और पत्तियों को प्रसाद स्वरूप अपने ईष्ट देवी-देवताओं को अर्पित करते हैं और उनके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह पर्व हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का हिस्सा है, जो हर वर्ष बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
बैठक में उरांव समाज के सचिव अनिल लकड़ा ने भी अपने संबोधन में इस त्योहार के महत्व को बताया और कहा कि यह पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से आधारित है। उन्होंने बताया कि खद्दी फग्गू त्योहार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के बाद अगले दिन अर्थात चैत्र माह के द्वितीय दिन मनाया जाता है। इस वर्ष, यह महान त्योहार 15 मार्च 2025 (शनिवार) को मनाया जाएगा।
साथ ही, सचिव ने यह भी जानकारी दी कि 13 मार्च 2025 को पूर्णिमा (होलिका दहन) का आयोजन होगा, जिसके बाद खद्दी फग्गू का पर्व समर्पण और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। उन्होंने सभी सातों बस्तियों से अपील की कि इस पर्व को पूरी पारंपरिक मर्यादा और हर्षोल्लास के साथ मनाने की तैयारी की जाए, ताकि इस महान त्योहार का आनंद हर किसी तक पहुंच सके।
बैठक के दौरान, समुदाय के प्रमुख सदस्य और समाज के कई सम्मानित व्यक्ति भी उपस्थित थे, जिनमें सहदेव किस्पोट्टा, बाबूलाल बरहा, लालू कुजूर, लक्ष्मण बरहा, दुर्गा खलखो, कृष्णा टोप्पो, राजकमल लकड़ा, गणेश कच्छप, मंगल खलखो, सुमित बरहा, विक्रम खलखो, इशू टोप्पो, रोहित खलखो, पंकज खलखो, चंदन कच्छप, बिष्णु मिंज, रोहित लकड़ा, किशन बरहा और मोहन बरहा सहित अन्य समाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
बैठक का समापन सभी के एकजुट होकर खद्दी फग्गू के त्योहार को पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाने के संकल्प के साथ हुआ। इस आयोजन ने समुदाय में एकजुटता का संदेश दिया और खद्दी फग्गू के प्रति श्रद्धा और सम्मान को और बढ़ाया।