चाईबासा: विस्फोटक पदार्थ और नक्सली संबंधों के आरोप में निरल टोपनो को 10 साल की सजा
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड। पश्चिम सिंहभूम जिले के बंदगाँव थाना क्षेत्र में विस्फोटक पदार्थ रखने और प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई से जुड़े होने के मामले में आरोपी निरल टोपनो को अदालत ने दोषी करार दिया है। अपर सत्र न्यायाधीश-प्रथम, चक्रधरपुर की अदालत ने मंगलवार को उसे 10 साल की कठोर कारावास और 13,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
गिरफ्तारी और मामला दर्ज
बंदगाँव थाना कांड संख्या 30/2014 के तहत 22 अगस्त 2014 को निरल टोपनो के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4/5 और 17 सीएलए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गंडिककदा गाँव में छापेमारी की थी। इस दौरान पुलिस को देखते ही एक युवक अपने घर से भागने लगा, जिसे सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम निरल टोपनो, पिता मनसिध टोपनो, निवासी गंडिककदा, थाना बंदगाँव, जिला पश्चिम सिंहभूम बताया।
बरामदगी और नक्सली संबंध
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी के घर से एक पुराना इंटेक्स मोबाइल (दो सिम कार्ड सहित), एक पीले रंग के प्लास्टिक बैग में करीब एक किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ, एक सफेद रंग के प्लास्टिक बैग में एक किलोग्राम विस्फोटक पाउडर, आठ गोलियां, खाकी रंग की विंडोलिया बैग और एक केमोफ्लाज वर्दी (टी-शर्ट और फुल पैंट) बरामद की। पूछताछ में निरल टोपनो ने स्वीकार किया कि ये सभी सामान प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के एरिया कमांडर शनिचर सुरीन के निर्देश पर रखा गया था। इन विस्फोटक सामग्रियों का इस्तेमाल पुलिस बल को नुकसान पहुँचाने और उग्रवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जाना था।
अदालती कार्यवाही और सजा
चाईबासा पुलिस ने वैज्ञानिक तरीकों से सबूत इकट्ठा कर निरल टोपनो को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। बाद में इस मामले में माननीय न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया गया। विचारण के बाद अपर सत्र न्यायाधीश-प्रथम, चक्रधरपुर की अदालत ने 11 मार्च 2025 को निर्णय सुनाया। अदालत ने धारा 4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत आरोपी को 10 साल के कारावास और 10,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई, जबकि 17 सीएलए एक्ट के तहत तीन साल की कैद और 3,000 रुपये जुर्माना लगाया गया।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह फैसला नक्सलियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ कड़ा संदेश है। जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और उग्रवादी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस का अभियान जारी रहेगा।