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ग्रामीण क्षेत्र से शिक्षा की नई ऊंचाइयों तक: ज्योति रानी सिंकू ने रांची यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: हाटगम्हरिया प्रखंड के जैरपी गांव की निवासी ज्योति रानी सिंकू ने अपनी मेहनत और लगन से शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने रांची यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है, जिससे न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र में हर्ष का माहौल है।

उनका शोध विषय “हो लोक साहित्य में हो नारियों का स्थान” था, जो जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं की समृद्ध परंपरा को उजागर करने वाला एक महत्वपूर्ण अध्ययन है। इस शोध को प्रोफेसर डॉ. सिकरा तिर्की के निर्देशन में पूरा किया गया, जो रामलखन यादव कॉलेज के मुंडारी विभाग में प्रोफेसर हैं।

शिक्षा की राह में संघर्ष और सफलता

 

ज्योति रानी सिंकू की शिक्षा यात्रा संघर्षों से भरी रही, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय रसेल उच्च विद्यालय, जगन्नाथपुर में हुई। इसके बाद, उन्होंने टाटा कॉलेज, चाईबासा से बीए (हो प्रतिष्ठा) की डिग्री प्राप्त की। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने रांची यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन, एमफिल और अब पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

 

गांव की बेटियों के लिए प्रेरणा

 

7 मार्च 2025 को पीएचडी डिग्री प्राप्त करने के बाद, ज्योति रानी सिंकू अब अपने नाम के साथ ‘डॉक्टर’ शब्द जोड़ सकती हैं और भविष्य में लेक्चरर या प्रोफेसर बनने के योग्य हो गई हैं। उनकी यह सफलता उन सभी छात्राओं के लिए प्रेरणा है, जो ग्रामीण परिवेश से निकलकर शिक्षा के माध्यम से अपने सपनों को साकार करना चाहती हैं।

उनकी इस उपलब्धि पर परिवार, शिक्षकों और शुभचिंतकों ने उन्हें बधाई दी है। यह सफलता यह साबित करती है कि अगर इच्छाशक्ति और समर्पण हो, तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

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