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ग्रामीण पुस्तकालय सह अध्ययन केन्द्र का उद्घाटन, शिक्षा के क्षेत्र में नया कदम: पद्मश्री डॉ. जानुम सिंह सोय ने सराहा प्रयास* 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित तांतनगर प्रखंड के रोलाडीह में रविवार को एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के तहत ग्रामीण पुस्तकालय सह अध्ययन केन्द्र का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह में पद्मश्री डॉ. जानुम सिंह सोय, लाइब्रेरीमैन संजय कच्छप और अन्य बुद्धिजीवियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।

पद्मश्री डॉ. जानुम सिंह सोय ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए इस प्रयास को अत्यंत सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण लाइब्रेरी की स्थापना से शिक्षा के क्षेत्र में एक नया कदम बढ़ाया गया है और इससे समाज में शिक्षा का माहौल बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि बुद्धिजीवियों का समाज के बच्चों के लिए शैक्षिक सामग्री इकट्ठा करना और उन्हें शिक्षित करने का प्रयास अनुकरणीय है।

 

लाइब्रेरीमैन संजय कच्छप ने कहा कि इस लाइब्रेरी में बच्चों को कंप्यूटर और अंग्रेजी की शिक्षा दी जा रही है, जो आधुनिक शिक्षा का सेतु बनकर बच्चों को भविष्य में अपने करियर के लिए तैयार करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज के दौर में बच्चों को कंप्यूटर और अंग्रेजी सिखाना बेहद जरूरी है, ताकि वे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें।

 

झारखंड शिक्षा परियोजना, रांची से जुड़े केयर इंडिया के प्रशिक्षक जयकिशन सामड ने भी इस मौके पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों को मातृभाषा आधारित शिक्षा के साथ-साथ हिंदी और अंग्रेजी की जानकारी देना जरूरी है, ताकि वे अपनी सांस्कृतिक विरासत से जुड़े रहें।

उद्घाटन समारोह के दौरान टाटा स्टील फाउंडेशन के एक्सक्यूटिव ऑफिसर शिवशंकर कांडेयांग ने लाइब्रेरी में कंप्यूटर सेट प्रदान किया, वहीं कोल्हान आदिवासी शिक्षक समिति द्वारा कुर्सियों का दान किया गया। इसके अलावा कई गणमान्य व्यक्तियों ने लाइब्रेरी निर्माण के लिए बीडीओ साधुचरण देवगम को पुस्तकें सुपुर्द कीं।

 

कार्यक्रम में शिक्षक विद्यासागर लागुरी और संजय जारिका द्वारा प्रस्तुत गीतों ने सभी उपस्थितों को भावनात्मक रूप से जोड़ लिया, वहीं प्रोफेसर रिंकी दोराई ने लाइब्रेरी निर्माण के संकल्प को पूरा करने पर एक मधुर गीत प्रस्तुत किया। देशाउली फाउंडेशन के साधु बानरा और सुरजीत ने लघु नाटक के माध्यम से देशभक्ति के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया।

कार्यक्रम में अन्य प्रमुख व्यक्तियों में कैरा बिरुवा, सुनीता पूर्ति, डॉ. बसंती कालुंडिया, डॉ. ललिता सुंडी, जवाहरलाल बांकिरा, डॉ. ज्योति रानी सिंकू, विजय लक्ष्मी सिंकू, प्रोफेसर दिलदार पूर्ति, सिकंदर बुड़ीउली, प्रोफेसर विजय बिरुवा, डॉ. दुलमु बिरुली, रामचंद्र सोय, कृष्णा देवगम, विमल किशोर बोयपाई, जगन्नाथ हेस्सा, गणेश बारी, धर्मेंद्र महतो, वीर सिंह बुड़ीउली, मंजीत बोयपाई, दशमत हांसदा, संजय बोयपाई, सुखमती बारी, रमेश बिरुवा, सरिका पूर्ति, सतीश सामड, विनिता पूर्ति, प्रकाश लागुरी, बनमाली तामसोय आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। मंच संचालन साहित्यकार डोबरो बुड़ीउली ने किया।

 

इस उद्घाटन के साथ ही रोलाडीह क्षेत्र में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जो न केवल बच्चों के लिए, बल्कि पूरे ग्रामीण समुदाय के लिए एक बेहतर भविष्य की नींव रखने का कार्य करेगा।

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