Crime

महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर हिंसा, पथराव और आगजनी, पुलिसकर्मी घायल, सुरक्षा कड़ी

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

महाराष्ट्र : मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर पथराव हुआ, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने आगजनी कर कई वाहनों को फूंक दिया। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने छत्रपति संभाजी नगर में कब्र की सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस ने देर रात कार्रवाई करते हुए कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है।

हिंसा और सुरक्षा इंतजाम

 

बजरंग दल और वीएचपी ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि औरंगजेब की कब्र नहीं हटाई गई, तो वे “कार सेवा” कर उसे उखाड़ फेंकेंगे। इस चेतावनी के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया और कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई।

 

शनिवार को जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। इसके बाद अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए। एसआरपी की एक टुकड़ी को तैनात किया गया है, जबकि पहले से मौजूद स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। कब्र तक जाने वाले सभी मार्गों पर नाकेबंदी कर दी गई है, और हर आने-जाने वाले व्यक्ति की सख्त जांच की जा रही है।

 

राजनीतिक विवाद और बयानबाजी

 

इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक माहौल भी गर्म हो गया है। वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने सोशल मीडिया पर लिखा,

“शिवाजी महाराज की पावन भूमि पर औरंगजेब की कब्र और उसकी मानसिकता का समूल नाश किया जाना चाहिए। 17 मार्च को महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर सरकार से इसे हटाने की मांग की जाएगी।”

पुणे में पतित पावन संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी औरंगजेब की कब्र हटाने के समर्थन में प्रदर्शन किया और उसके पोस्टर जलाए।

 

स्थानीय लोगों की अपील – भाईचारा बनाए रखें

 

इस पूरे विवाद के बीच स्थानीय लोगों ने शांति बनाए रखने की अपील की है। एक निवासी ने कहा,

“इस तरह के विवाद से स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ रहा है। पर्यटक यहां आने से डर रहे हैं, जिससे कई लोगों की आजीविका खतरे में पड़ गई है।”

 

एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने कहा,

“हम सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। 350 साल पहले क्या हुआ, इससे ज्यादा जरूरी है कि हम आज शांति बनाए रखें।”

 

अबू आजमी के बयान से बढ़ा विवाद

 

यह विवाद समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के हालिया बयान के बाद और भड़क गया। उन्होंने कहा था,

“औरंगजेब कोई क्रूर शासक नहीं था, बल्कि उसके शासन में भारत सोने की चिड़िया था। उसने मंदिरों को तोड़ा नहीं, बल्कि बनवाया था।”

 

इस बयान के बाद वीएचपी और बजरंग दल ने तीखी प्रतिक्रिया दी और प्रदर्शन तेज कर दिया। बढ़ते विरोध के बीच अबू आजमी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए माफी मांग ली, लेकिन महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग और तेज हो गई है।

 

प्रशासन की सख्त निगरानी, अफवाहों से बचने की अपील

 

महाराष्ट्र प्रशासन ने इस पूरे मामले पर कड़ी नजर रखी हुई है। पुलिस किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। आम नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की गई है।

Related Posts